Nitish Kumar Love Story: अपने बुलंद हौसले और काबिलियत से राजनीति की खुरदरी जमीन पर कदम रखने वाले नीतीश कुमार बिहार में इतिहास पुरुष बन चुके हैं। उन्होंने राजनीति और बिहार के विकास में कई कीर्तिमान गढ़े हैं। भविष्य की राजनीति में शायद ही कोई नेता उस ऊंचाई को छू सके। महिलाओं के लिए आरक्षण की बात हो या बिहार में अपराधियों पर लगाम लगाने के लिए ईमानदार प्रयास की पहल हो, नीतीश कुमार (Bihar Leader Nitish Kumar) ने राजनीतिक नफा-नुकसान को नजरअंदाज करते हुए मजबूत और प्रभावी फैसले लिए हैं। निजी जिंदगी की बात करें तो भले ही नीतीश-मंजू की अरेंज मैरिज हुई थी, लेकिन इससे पहले दोनों को एक-दूसरे से प्यार तो हो ही गया था। इस स्टोरी में हम बता रहे हैं नीतीश कुमार और मंजू सिन्हा के इश्क का पूरा अफसाना।
इश्क हुआ पर दीदार के लिए करना पड़ा शादी तक इंतजार (Nitish saw his wife face at the wedding)
भारतीय राजनीति के दिग्गज नेताओं में शुमार नीतीश कुमार की लव स्टोरी और शादी दोनों ही दिलचस्प हैं, जिससे आज के युवा प्रेरणा भी ले सकते हैं। एक दौर वह भी था जब शादी से पूर्व लड़के और लड़की का एक-दूसरे को देखना-मिलना ठीक नहीं माना जाता था। लड़का-लड़की की शादी परिवार के बुजुर्ग यानी माता-पिता ही तय किया करते थे। यहां भी ऐसा ही हुआ। नीतीश और मंजू की शादी परिवार वालों ने ही तय की थी। नीतीश ने भी मंजू से मिले बिना ही विवाह के लिए अपनी सहमति भी दे दी थी। ऐसा कहा जाता है कि ‘पत्नी से इश्क करना पड़ता है और लड़की से इश्क हो जाता है।’ पर ऐसा नीतीश के साथ नहीं हुआ। इसमें सबसे दिलचस्प यह है कि नीतीश कुमार कॉलेज से सोशियोलॉजी की पढ़ाई कर रहीं मंजू सिन्हा से इश्क कर बैठे और वह भी बिना देखे।
पिता ने बताई शादी तय होने बात (Father inform about marriage)
मंजू सिन्हा के पिता कृष्णनंदन सिन्हा सियोदा गांव के रहने वाले थे और स्कूल में प्रधानाध्यापक थे। कृष्णनंदन सिन्हा को अपनी बेटी मंजू सिन्हा के लिए सुयोग्य वर की तलाश थी। उस दौरान मंजू सिन्हा पटना मगध महिला कॉलेज में समाजशास्त्र की पढ़ाई कर रही थीं। इसी दौर में नीतीश कुमार बिहार इंजीनियरिंग कॉलेज से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग कर रहे थे। कृष्णनंदन ने नीतीश कुमार के बारे में जानकारी जुटाई। परिवार और जमीन जायदाद के अलावा संपन्न परिवार को देखते हुए अपनी बेटी की शादी नीतीश कुमार से तय कर दी। यह जानकारी नीतीश को भी दी गई। यह भी जानकारी मिल गई कि उनकी होने वाली पत्नी मंजू सिन्हा पटना यूनिवर्सिटी में ही सोशियोलॉजी की पढ़ाई कर रही हैं। पिता कविराज राम लखन सिंह ने ही नीतीश को मंजू सिन्हा से शादी होने की जानकारी दी। साथ ही मंजू सिन्हा की पढ़ाई-लिखाई के बारे में भी जानकारी दी गई।
नीतीश से पहले दोस्तों ने देखा था मंजू सिन्हा को
इसके बाद नीतीश के 3 करीबी दोस्तों ने मंजू देवी को देखने की योजना बनाई। इसके बाद बिना किसी को सूचना दिए काफी जद्दोजहद के बाद सोशियोलॉजी विभाग में पहुंच गए। दूर से देखने के बाद नीतीश के दोस्तों ने मंजू सिन्हा को रोकने की कोशिश की, जिससे बात की जा सके, लेकिन वह नीतीश के दोस्तों के इरादे भांप गई और बिना बात किए चली गईं। यह जानकारी ‘नीतीश कुमार: अंतरंग दोस्तों की नजर से’ में दी गई है। बहरहाल, नीतीश कुमार के तीनों दोस्त मिले तो उन्होंने मंजू सिन्हा के बारे में विस्तार से जानकारी दी। कुल मिलाकर तीनों दोस्तों ने मंजू सिन्हा को ‘पास’ कर दिया और नीतीश को कहा कि यह शादी कर लो।
नियति ने मिलाई नीतीश और मंजू जोड़ी (Destiny brought together Nitish and Manju)
यह महज इत्तेफाक था कि जब परिवार ने नीतीश कुमार और मंजू सिन्हा की शादी तय की तो दोनों पटना में ही पढ़ाई कर रहे थे। जहां नीतीश इंजीनियरिंग कर रहे थे तो मंजू सिन्हा सोशियोलॉजी की पढ़ाई कर रही थीं। जानकारों की मानें तो मंजू सिन्हा ने कॉलेज में पढ़ाई करने के दौरान शिक्षक बनने की ख्वाहिश मन में पाली थी। इसके साथ ही वह किसी इंजीनियरिंग बैकग्राउंड के लड़के से शादी करना चाहती थीं। इस तरह मन की मुराद पूरी हो गई। नियति को यही मंजूर हुआ और वर्ष 1973 में मंजू सिन्हा और नीतीश कुमार की शादी हिंदू रीति रिवाज के साथ हुई। शादी समारोह शानदार तरीके से हुआ। इस शादी में नीतीश कुमार के साथ पढ़े कॉलेज की साथी भी शामिल हुए।
नीतीश ने नहीं लिया दहेज (Nitish did not take dowry)
नीतीश कुमार का कॉलेज में पढ़ाई करने के दौरान ही सामाजिक विचारधारा की ओर उनका रुझान हो गया था। स्कूल में पढ़ने के दौरान दहेज प्रथा के खिलाफ विचार रखने लगे थे। उन्होंने शादी के बाद वर्ष 1974 से 1977 के दौरान जय प्रकाश नारायण (JP Andolan) के आंदोलन में हिस्सा लिया। ऐसे में जब नीतीश को पता चला कि नीतीश कुमार के पिता रामलखन ने मंजू सिंह के पिता से दहेज में 22000 लिए हैं तो वह नाराज हो गए। इसकी भी एक वजह थी कि बिहार ही नहीं बल्कि देश में करीब-करीब हर जगह दहेज लेने का चलन था और सच बात यह है कि अब भी है। दरअसल, जेपी आंदोलन से निकले नीतीश कुमार नहीं चाहते थे कि उनकी शादी में दहेज लिया जाए, इसलिए पिता को पैसे लौटाने के लिए कह दिया।
शादी से पहले नहीं हुई नीतीश-मंजू की मुलाकात (Nitish and Manju did not meet before marriage)
भले ही नीतीश कुमार और मंजू सिन्हा दोनों ही पटना में उच्च शिक्षा ग्रहण कर रहे थे, लेकिन दोनों की कभी मुलाकात नहीं हुई। इसके लिए नीतीश कुमार की ओर से कोशिश भी नहीं की गई। शादी के दौरान नीतीश कुमार ने मंडप में शादी समारोह के दौरान उन्होंने मंजू सिन्हा का चेहरा देखा। इस दौर में लड़कियों और लड़कों में मुलाकात का चलन भी नहीं था। माता-पिता ही अपने बेटा-बेटी का रिश्ता कर देते थे।
पत्नी की याद में बनवाई प्रतिमा (Nitish built a statue in memory of his wife Manju)
मंजू कुमारी ने शिक्षा ग्रहण करने के बाद अध्यापन के तौर पर पेशे को चुना। इसके बाद उन्होंने सालों तक पटना में एक स्कूल टीचर की जिम्मेदारी निभाई। मंजू का 2007 में निधन हो गया। इस दौरान घर में माहौल बेहद गमगीन था। पत्नी की मौत के चलते नीतीश की हालत बेहद खराब हो गई। उन्होंने खुद पत्नी की अर्थी को कंधा दिया और इस दौरान वह लगातार रोते रहे। राजनीति में सक्रियता के चलते नीतीश और मंजू ज्यादा साथ नहीं रह पाते थे। इस पर अक्सर मंजू कहती थीं कि रियाटरमेंट के बाद साथ रहेंगे, लेकिन यह ख्वाहिश अधूरी रही, क्योंकि वह नीतीश को अकेला छोड़ हमेशा के लिए दुनिया से चली गईं। वहीं, नीतीश कुमार ने पटना के राजेंद्र नगर में पत्नी मंजू की आदमकद प्रतिमा बनवा गई है. नीतीश कुमार प्रत्येक पुण्यतिथि और जयंती पर यहां आते हैं और मंजू को नमन करते हैं।
यह भी पढ़ें: DDA Flats Scheme: जानें प्रीमियम हाउसिंग स्कीम 2025 की कीमत, लोकेशन और आवेदन करने का तरीका