दशहरा, दिवाली और छठ जैसे बड़े पर्वों से ठीक पहले शिक्षा विभाग बड़ी खुशखबरी दी है शिक्षा विभाग ने बकाया वेतन भुगतान का आदेश जारी कर दिया है. लंबे समय से वेतन की प्रतीक्षा कर रहे हजारों शिक्षकों के चेहरे अब खिल उठे हैं. खास तौर पर मुजफ्फरपुर के लगभग 1,300 शिक्षकों को इस फैसले से राहत मिलेगी, जिनका वेतन महीनों से अटका हुआ था. शिक्षा विभाग के सचिव ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया है कि एक सप्ताह के भीतर सभी प्रक्रियाएँ पूरी कर शिक्षकों को उनका हक मिलना चाहिए. यह कदम न सिर्फ़ शिक्षकों की आर्थिक मुश्किलें दूर करेगा बल्कि त्योहारों की रौनक भी दोगुनी कर देगा.
शिक्षा विभाग के सचिव ने जताई चिंता
दरअसल बिहार के सरकारी स्कूलों में कार्यरत लगभग 40,000 शिक्षकों के लिए ये अच्छी खबर है सभी जिला शिक्षा अधिकारियों और जिला कार्यक्रम अधिकारियों (स्थापना) को जारी एक पत्र में, शिक्षा विभाग के सचिव दिनेश कुमार ने कहा है कि नियोजित शिक्षकों, विशेष शिक्षकों, प्राथमिक विद्यालयों में नियुक्त प्रधानाध्यापकों और उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालयों तथा नवस्थापित उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में नियुक्त प्रधानाध्यापकों के योगदान के बावजूद, उन्हें अभी भी उनका भुगतान नहीं हो रहा है.
अधिकांश शिक्षकों के पास पहले से ही हैं PRAN
आदेश में कहा गया है कि अधिकांश नवनियुक्त प्रधानाध्यापकों के पास पहले से ही PRAN हैं. उनमें से कई ने HRMS पोर्टल पर ऑनबोर्डिंग भी पूरी कर ली है. ऐसे में वेतन भुगतान प्रक्रिया शुरू करना मुश्किल नहीं होगा. ऐसा करने के लिए, सबसे पहले HRMS पोर्टल के कन्वर्ज़न मॉड्यूल में जाकर पुराने पद को निष्क्रिय करें. इसके बाद, नए पद से संबंधित जानकारी अपडेट करें और नए पदस्थापन वाले जिले में उसे सक्रिय करें. यह प्रक्रिया पूरी होते ही वेतन भुगतान शुरू हो जाएगा.
एक सप्ताह की दी गई है समय सीमा
कुछ शिक्षक ऐसे भी हैं जो पहले अन्य पदों पर कार्यरत थे और अब प्रधानाध्यापक या प्रधानाचार्य बन गए हैं. उन्हें पहले एक PRAN (योजना) जनरेट करना होगा और फिर HRMS पोर्टल पर ऑनबोर्डिंग प्रक्रिया पूरी करनी होगी. सचिव ने जिला शिक्षा अधिकारी और डीपीओ स्थापना को एक सप्ताह के भीतर यह कार्य पूरा कर वेतन भुगतान शुरू करने का निर्देश दिया है.
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