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ऑपरेशन सिंदूर के बाद फिर दिखेगी भारत की तीनों सेनाओं की ताकत, कांप जाएगा पूरा PAK; जब सीमा पर बरसेंगे गोले

India-Pakistan Border News: ये अभ्यास 30 अक्टूबर से 10 नवंबर, 2025 तक चलेगा और गुजरात के सर क्रीक से राजस्थान के जैसलमेर तक चलेगा.

By: Shubahm Srivastava | Last Updated: October 25, 2025 3:45:50 AM IST



Indian Army War Exercise: भारत ने पाकिस्तान सीमा के पास थलसेना, नौसेना और वायुसेना के साथ एक विशाल ट्राई-सर्विसेज युद्धाभ्यास की घोषणा की है. यह अभूतपूर्व अभ्यास 30 अक्टूबर से 10 नवंबर, 2025 तक चलेगा और गुजरात के सर क्रीक से राजस्थान के जैसलमेर तक चलेगा. इस अभ्यास के लिए एक NOTAM (नोटिस टू एयरमेन) जारी किया गया है, जिसके तहत 10,000 से 28,000 फीट की ऊंचाई के बीच का पूरा हवाई क्षेत्र नागरिक उड़ानों के लिए बंद रहेगा.

इस युद्धाभ्यास का उद्देश्य

यह केवल एक नियमित सैन्य अभ्यास नहीं है, बल्कि तीनों सेनाओं के बीच एक समन्वित आक्रामक युद्धाभ्यास है. इसमें खुफिया जानकारी, निगरानी, ​​इलेक्ट्रॉनिक युद्ध और साइबर क्षमताओं का प्रदर्शन किया जाएगा. इस अभ्यास का उद्देश्य तीनों सेनाओं की संयुक्त प्रतिक्रिया क्षमता और सीमा पार की स्थितियों में तत्काल कार्रवाई की तैयारी को मजबूत करना है.

रक्षा मंत्री ने किया सीमा का दौरा

इस घोषणा के समय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह स्वयं जैसलमेर सीमा पर मौजूद थे. उन्होंने तनोट राय माता मंदिर में पूजा-अर्चना की और 1965 के भारत-पाक युद्ध के दौरान पाकिस्तान द्वारा गिराए गए उन बमों को देखा जो अभी भी मंदिर में सुरक्षित हैं. उनके साथ सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी और बैटल एक्स कमांडर मेजर जनरल आशीष खुराना भी थे. इस यात्रा को पाकिस्तान के लिए “शक्ति का प्रतीकात्मक संदेश” माना जा रहा है.

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इस स्थान का क्या है महत्व?

यह क्षेत्र कच्छ के रण और सर क्रीक के पास है, जो 1965 और 1971 के युद्धों के दौरान सबसे संवेदनशील और विवादित युद्धक्षेत्रों में से थे. इस बार, भारत ने तीनों सेनाओं को एक साथ तैनात करने का फैसला किया है.

इस अभ्यास के दौरान, भारतीय सेना की पैदल सेना ब्रिगेड, नौसेना के युद्धपोत और वायु सेना के राफेल, मिराज-2000 और सुखोई-30 लड़ाकू विमान एकीकृत अभियानों (Integrated Operations) में भाग लेंगे.

ट्राई-सर्विसेज युद्धाभ्यास: पाक को सीधी चेतावनी

रणनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि इस अभ्यास का उद्देश्य पाकिस्तान को यह संदेश देना है कि भारत किसी भी संभावित खतरे का जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार है. यह महज एक सैन्य अभ्यास नहीं है, बल्कि पाकिस्तान के लिए एक स्पष्ट रणनीतिक चेतावनी है कि भारत अब हर मोर्चे पर सक्रिय और आत्मनिर्भर रक्षा नीति अपना रहा है.

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