आज भी कई लोग किराया कैश में भरते हैं लेकिन इससे आयकर विभाग की तरफ से नोटिस मिल सकता है. अगर आपकी कमाई और खर्च में अंतर दिखे तो आयकर विभाग आपको नोटिस दे सकता है. अगर कैश पेमेंट का कोई प्रमाण नहीं है, तो कर विभाग इसे जल्दी पकड़ लेता है और नोटिस भेज सकता है.
किराया डिजिटल तरीके से दें और आयकर नोटिस से बचें
एक्सपर्ट्स की सलाह है कि किराया हमेशा डिजिटल माध्यम से ही भरें चेक, बैंक ट्रांसफर या UPI से देना सुरक्षित है क्योंकि इससे भुगतान का सबूत मिलता है. अगर नोटिस आए, तो डरिए मत, बस रेंट एग्रीमेंट, भुगतान रसीद और मकान मालिक की पैन जानकारी तैयार रखें. यह साबित करेगा कि आपका किराया सही तरीके से दिया गया है.
50,000 रुपये से ज्यादा किराए पर TDS देना जरूरी है, और मकान मालिक व किराएदार की डिटेल्स जमा करनी होती हैं. इसलिए कैश की बजाय डिजिटल माध्यम से भुगतान करना सही रहता है
कैश से बचें, किराया ऑनलाइन भरें
ऐसा भुगतान करने से नोटिस का खतरा कम होता है और भविष्य में कोई कानूनी दिक्कत नहीं होगी. किराया भरते समय डिजिटल माध्यम और रसीद लेना याद रखें.
यह तरीका पैसे के लेन-देन को साफ रखने और टैक्स चोरी रोकने में मदद करेगा. आम लोगों को अपनी कमाई और खर्च का रिकॉर्ड डिजिटल और सही रखना चाहिए ताकि नोटिस से सुरक्षा रहे. घर का किराया देते समय कैश की बजाय डिजिटल माध्यम का इस्तेमाल करें, ताकि आप सुरक्षित रहें.
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