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दिल्ली में कब होगी आर्टिफिशियल बारिश? CM रेखा गुप्ता ने खुद बताई तारीख

Delhi Artificial Rain News: दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए दिल्ली की भाजपा सरकार ने कृत्रिम बारिश कराने का फैसला किया है. जिसको लेकर दिल्ली के कुछ हिस्सों में परीक्षण किया गया.

By: Sohail Rahman | Published: October 23, 2025 11:08:25 PM IST



Delhi Artificial Rain Date: दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए आर्टिफिशल बारिश करने का फैसला लिया गया है. इसको लेकर दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि दिल्ली में पहली बार क्लाउड सीडिंग के माध्यम से कृत्रिम वर्षा कराने की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. आज विशेषज्ञों द्वारा बुराड़ी क्षेत्र में इसका सफल परीक्षण किया गया है. मौसम विभाग ने 28, 29 और 30 अक्टूबर को बादलों की उपस्थिति की संभावना जताई है.

दिल्ली में कब होगी आर्टिफिशियल बारिश?

इसको लेकर दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने अपने एक्स पोस्ट पर लिखा कि यदि परिस्थितियां अनुकूल रहीं, तो 29 अक्टूबर को दिल्ली पहली कृत्रिम बारिश का अनुभव करेगी. यह पहल न सिर्फ तकनीकी दृष्टि से ऐतिहासिक है, बल्कि दिल्ली में प्रदूषण से निपटने का एक वैज्ञानिक तरीका भी स्थापित करने जा रही है. सरकार का उद्देश्य है कि इस नवाचार के माध्यम से राजधानी की हवा को स्वच्छ और वातावरण को संतुलित बनाया जा सके. इसके अलावा, सीएम रेखा ने इस प्रयास को सफल बनाने में लगे मंत्रियों और अधिकारियों को शुभकामनाएं दी है.



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आईआईटी कानपुर से परीक्षण का विशेष विमान हुआ रवाना

दिल्ली के लिए क्लाउड सीडिंग का परीक्षण करने के लिए आईआईटी कानपुर से एक विशेष उड़ान रवाना हुई. यह कोई साधारण उड़ान नहीं, बल्कि एक परीक्षण स्थल था. इसका उद्देश्य क्लाउड सीडिंग तकनीक, विमान की तैयारी, सीडिंग उपकरण और अन्य एजेंसियों के साथ समन्वय की सत्यता की पुष्टि करना था. उड़ान मूल रूप से मेरठ से शुरू होने वाली थी, लेकिन खराब दृश्यता के कारण, उड़ान को आईआईटी कानपुर हवाई पट्टी से डायवर्ट कर दिया गया.

आर्टिफिशियल बारिश के लिए टेस्टिंग हुई दमदार

इसके बाद यह मेरठ, खेकड़ा, बुराड़ी, सादकपुर, भोजपुर और अलीगढ़ होते हुए कानपुर लौट आई. उड़ान चार घंटे तक चली, जिसके दौरान क्लाउड सीडिंग का अभ्यास भी किया गया. दिल्ली का आसमान बादलों से ढका नहीं था, लेकिन खेकड़ा और बुराड़ी के बीच बादलों के दो छोटे समूह देखे गए. इन्हें फ्लेयर्स का उपयोग करके सीड किया गया, और परीक्षण सफल रहा. हालांकि, बारिश नहीं हुई, क्योंकि आर्द्रता 15% से कम थी और आसमान ज्यादातर साफ था.

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