Home > विदेश > भारत और अमेरिका के बीच होने वाला गेम चेंजर ट्रेड डील, ट्रंप 50% से घटाकर इतना कर देंगे टैरिफ

भारत और अमेरिका के बीच होने वाला गेम चेंजर ट्रेड डील, ट्रंप 50% से घटाकर इतना कर देंगे टैरिफ

India US Trade Deal: भारत और अमेरिका के बीच बड़ा ट्रेड डील होने वाला है. जिसके तहत भारतीय आयातों पर अमेरिकी टैरिफ 50 प्रतिशत से घटकर 15 प्रतिशत से 16 प्रतिशत हो जाएगा.

By: Divyanshi Singh | Last Updated: October 22, 2025 12:03:38 PM IST



India US Trade Deal: भारत और अमेरिका के बीच लंबे समय से अटके हुए ट्रेड डील (India US Trade Deal) के करीब पहुंच रहे हैं. जिसके तहत भारतीय आयातों पर अमेरिकी टैरिफ 50 प्रतिशत से घटकर 15 प्रतिशत से 16 प्रतिशत हो जाएगा. मिंट के एक रिपोर्ट में इसका खुलासा किया गया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि ऊर्जा और कृषि पर आधारित इस समझौते के तहत भारत धीरे-धीरे रूसी कच्चे तेल के आयात में कमी ला सकता है.

व्यापार पर दोनों देशों के बीच चर्चा 

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि उन्होंने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की. उन्होंने कहा कि चर्चा मुख्य रूप से व्यापार पर केंद्रित थी. ट्रंप ने कहा कि ऊर्जा भी उनकी बातचीत का हिस्सा थी, और मोदी ने उन्हें आश्वासन दिया कि भारत रूस से तेल की खरीद को सीमित करेगा. रूस से भारत की तेल खरीद ने भारतीय निर्यातों पर 25 प्रतिशत का दंडात्मक शुल्क लगाया था, जो अप्रैल में घोषित 25 प्रतिशत पारस्परिक शुल्क से ऊपर है. वर्तमान में रूस भारत के कच्चे तेल आयात का लगभग 34 प्रतिशत आपूर्ति करता है, जबकि देश की तेल और गैस आवश्यकताओं (मूल्य के अनुसार) का लगभग 10 प्रतिशत अमेरिका से आता है.

आसियान शिखर सम्मेलन में हो सकता है एलान 

भारत गैर-जेनेटिकली मोडिफाइड (गैर-जीएम) अमेरिकी मक्का और सोयामील के लिए अपने बाजार को और खोल सकता है. इसके अलावा नई दिल्ली समझौते में एक प्रावधान की वकालत कर रही है जो शुल्कों और बाजार पहुंच की समय-समय पर समीक्षा की अनुमति देगा.रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि एक द्विपक्षीय व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने की घोषणा इस महीने आसियान शिखर सम्मेलन (ASEAN Summit) में डोनाल्ड ट्रंप और नरेंद्र मोदी के बीच एक बैठक के दौरान की जा सकती है.

भारत अमेरिका से गैर-जीएम मक्का आयात करने की सीमा को बढ़ाने पर विचार कर रहा है, जबकि 15 प्रतिशत शुल्क को यथावत रखने की योजना है. वर्तमान सीमा सालाना 0.5 मिलियन टन है. नई दिल्ली घरेलू मांग को पूरा करने के लिए अमेरिकी मक्का को पोल्ट्री फीड, डेयरी और एथेनॉल क्षेत्रों में उपयोग करने की अनुमति भी दे सकती है.

एक अधिकारी ने कहा कि “मानव और पशु दोनों के लिए गैर-जीएम सोयामील के आयात की अनुमति देने पर भी बातचीत आगे बढ़ रही है. हालांकि डेयरी उत्पादों, जिसमें हाई-एंड चीज़ शामिल है, पर शुल्क में कटौती को लेकर अभी अंतिम स्पष्टता नहीं है, जो कि अमेरिकी टीम की एक प्रमुख मांग है,”

रूसी तेल पर निर्भरता कम कर सकता है भारत

ऊर्जा के मामले में भारत धीरे-धीरे रूसी तेल पर निर्भरता को कम कर सकता है जबकि अमेरिका से एथेनॉल आयात की अनुमति दे सकता है. इसके बदले वाशिंगटन ऊर्जा व्यापार पर रियायतें देने की उम्मीद है. भारतीय सरकारी तेल कंपनियों को अनौपचारिक रूप से अमेरिका की ओर कच्चे तेल की खरीद को विविध बनाने के लिए कहा जा सकता है.

अधिकारियों ने मॉस्को को सूचित किया है कि भारत रूसी कच्चे तेल के आयात को घटाएगा, हालांकि अमेरिका अभी तक रूस द्वारा दी जा रही छूट का मुकाबला नहीं कर पाया है. रिपोर्टों के अनुसार राष्ट्रपति ट्रंप ने व्यापार समझौते के लिए रूसी तेल आयात में कटौती को एक शर्त बना दिया है.

ट्रंप का दावा: भारत रूसी तेल की खरीद कम करेगा

डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को एक बार फिर दावा किया कि नई दिल्ली रूसी ऊर्जा की खरीद को कम करेगी. ट्रंप ने व्हाइट हाउस के ओवल ऑफिस में एक दीवाली समारोह की मेज़बानी करते हुए कहा कि “मैंने आज ही आपके प्रधानमंत्री से बात की. हमारी शानदार बातचीत हुई. हमने व्यापार के बारे में बात की,”. “हमने बहुत सी बातों पर चर्चा की, लेकिन ज्यादातर व्यापार की दुनिया पर  वह उसमें बहुत रुचि रखते हैं.”

हाल के हफ्तों में ट्रंप ने अपनी भाषा को थोड़ा नरम किया है क्योंकि दोनों देश व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने और शुल्क को कम करने के लिए बातचीत कर रहे हैं, और उन्होंने संकेत दिया कि मोदी ऊर्जा खरीद को कम करने के लिए सहमत हैं.

फिर हो गई Trump और PM Modi की दोस्ती? फोन कर अमेरिकी राष्ट्रपति ने कही ऐसी बात, मुनीर की सारी मेहनत पर फिरा पानी

Advertisement