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रंगों के जाल में फंसा बचपन, Gems के नाम पर जहर निगल रहे मासूम; जान पर भी मंडरा रहा खतरा!

Cadbury Gems Scam: कैडबरी जेम्स हर बच्चे को पसंद आता है. इसका चॉकलेट वाला स्वाद उन्हें काफी ज्यादा अच्छा लगता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह जेम्स आपके बच्चों की सेहत पर काफी असर डालता है. आइए बताते हैं कैसे?

By: Preeti Rajput | Last Updated: October 19, 2025 11:42:39 AM IST



Cadbury Gems Fraud: आजकल हर चीज में मिलावट देखने को मिलती है. इसका मकसद सिर्फ एक ही है कि कंपनी मुनाफा कमा सकें. चाहे फिर वह किसी की जान को ही क्यों न जोखिम में डाल दें. भारत के सबसे बड़े ब्रांड में शुमार कैडबरी के प्रोडक्ट लोगों को काफी पसंद आते हैं. लोग इस ब्रांड पर आंख मूंद कर भरोसा भी कर लेते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं, यह भी आपकों धोखा दे रहा है. 

कैडबरी जेम्स का बड़ा वाला फ्रॉड

कैडबरी जेम्स (Cadbury Gems) एक चॉकलेट नहीं, बल्कि एक भावना है. जो लोगों की बचपन की यादों से जुड़ा हुआ है. जन्मदिन की पार्टियों और केक की सजावट के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता रहता है. लोग बच्चों को भी बड़े प्यार से इसे खरीद कर देते हैं. इसका इंद्रधनुषी रंग बच्चों को अपनी तरफ आकृषित करता है. इसे देख हर बच्चा ललचा जाता है. लेकिन क्या आपकों लगता है कियह जेम्स के रंग आपके बच्चों के लिए सुरक्षित है? 

कई देशों में हो चुका है बैन 

रिपोर्ट्स और अंतर्राष्ट्रीय चेतावनी इस तरफ साफ इशारा करती हैं कि इसमें प्रयोग किए जाने वाले रंग (Artificial Colours) सेहत के लिए हानिकारक हैं. यह कई देशों में बैन (Banned)भी हैं. हालांकि इस बात को भारत हमेशा नजरअंदाज करता है. क्योंकि यहां अपनी जेब गर्म करने वालों की कोई कमी नहीं है. थोड़े से पैसों के लिए लोग जनता के सेहत के साथ खिलवाड़ करने के लिए तैयार हो जाते हैं

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रंग जो सेहत के लिए हैं हानिकारक 

कैडबरी जेम्स को आकर्षक बनाने के लिए कई अलग-अलग एडिटिव्स और सिंथेटिक रंगों का उपयोग किया जाता है. इनमें से कुछ रंग यूरोप और अन्य विकसित देशों में सख्ती से बैन हैं. लेकिन भारत में इसे लेकर किसी तरह का कोई कानून नहीं है. 

  • टाइटेनियम डाइऑक्साइड (Titanium Dioxide – INS 171): यह सफेत रंग वाला एडिटिव पूरे यूरोपीय संघ (European Union) में बैन है. यह आपके डीएनए को नुकसान पहुंचाता है. इससे सूजन जैसी समस्या पैदा हो सकती है. 
  • टार्ट्राज़ीन (Tartrazine – INS 102): यह चमकीला पीला रंग ऑस्ट्रिया और जर्मनी समेत कई देशों में बैन है. इससे बच्चों की हाइपरएक्टिविटी (Hyperactivity) पर काफी असर पड़ता है. साथ ही यह रंग अस्थमा के दौरे को भी बढ़ाता है. 
  • इंडिगो कारमाइन (Indigo Carmine – INS 132) : ये एडिटिव्स पाचन संबंधी समस्याएं पैदा करता है. 
  • ब्रिलियंट ब्लू (Brilliant Blue – INS 133): नीले रंग के लिए उपयोग किए जाने वाला ये एडिटिव उल्टी, दस्त और एलर्जी की समस्या पैदा करता है.

रंगों के साथ-साथ इसे बनाने के लिए वीट फ्लोर (मैदा) और हाइड्रोजनीकृत वनस्पति तेल (हाइड्रोजनेटेड पाम ऑयल) का भी इस्तेमाल किया जाता है. यह सभी सेहत के लिए काफी ज्यादा हानिकारक होता है. आपको आज से ही इसे बच्चों से दूर रखना शुरु कर देना चाहिए.

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