Putin-Trump Friendship Tunnel: रूस और अमेरिका के बीच लंबे समय से चली आ रही कड़वाहट के बीच, एक अनोखा और ऐतिहासिक प्रस्ताव सामने आया है. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच फ़ोन पर हुई बातचीत के बाद, मास्को ने दोनों देशों को जोड़ने के लिए एक “पुतिन-ट्रंप मैत्री सुरंग” के निर्माण का प्रस्ताव रखा है. इस प्रस्ताव का उद्देश्य रूस और अमेरिका के बीच शांति, सहयोग और आर्थिक साझेदारी को एक नया आयाम देना है.
चुकोटका को अलास्का से जोड़ेगी ये सुरंग
रूस के आरडीआईएफ सॉवरेन वेल्थ फंड के प्रमुख और पुतिन के दूत किरिल दिमित्रिव ने इस विचार का प्रस्ताव रखा. प्रस्ताव के अनुसार, यह रेल और कार्गो सुरंग बेरिंग जलडमरूमध्य के नीचे बनाई जाएगी, जो रूस के चुकोटका क्षेत्र को अमेरिकी राज्य अलास्का से जोड़ेगी. लगभग 112 किलोमीटर लंबी इस सुरंग के निर्माण में लगभग 8 अरब डॉलर की लागत आने का अनुमान है, जबकि पारंपरिक तकनीक से इसकी लागत 65 अरब डॉलर तक हो सकती है. रूस, अमेरिका और अन्य अंतर्राष्ट्रीय साझेदार इसके निर्माण में संयुक्त रूप से निवेश करेंगे.
🇷🇺 A Kremlin envoy proposes building a Russia–U.S. “Putin-Trump” tunnel under the Bering Strait — $8 billion, ~112 km, symbol of revived ties. pic.twitter.com/3D1iyB4tle
— Defence24com (@Defence24eng) October 17, 2025
एलन मस्क की कंपनी बनाएगी ये सुरंग!
इस सुरंग का निर्माण एलन मस्क की कंपनी, द बोरिंग कंपनी द्वारा किया जाना प्रस्तावित है, जो अपनी उन्नत सुरंग निर्माण तकनीक के लिए जानी जाती है. यह परियोजना जलडमरूमध्य के दोनों ओर बुनियादी ढाँचे का आधुनिकीकरण भी करेगी, क्योंकि चुकोटका क्षेत्र में सड़कें और रेलमार्ग वर्तमान में बहुत खराब स्थिति में हैं.
दिमित्रीव का मानना है कि यह सुरंग दोनों देशों के बीच “एकता का प्रतीक” होगी और आर्कटिक में संयुक्त प्राकृतिक संसाधन अन्वेषण को बढ़ावा देगी. उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि अमेरिकी ऊर्जा कंपनियों को आर्कटिक में रूसी परियोजनाओं में भागीदारी की पेशकश की जा सकती है.
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शीत युद्ध के दौरान भी बनी थी ऐसी योजना
यह विचार नया नहीं है—शीत युद्ध के दौरान भी, “कैनेडी-ख्रुश्चेव वर्ल्ड पीस ब्रिज” जैसी एक योजना पर चर्चा हुई थी, जिसमें बेरिंग जलडमरूमध्य के माध्यम से रूस और अमेरिका को जोड़ने की परिकल्पना की गई थी. अब, इस “पुतिन-ट्रम्प टनल” को उस सपने को आधुनिक बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है.
यदि यह परियोजना सफल होती है, तो यह मानव इतिहास में पहली बार होगा जब रूस और अमेरिका एक सुरंग के माध्यम से भौगोलिक रूप से सीधे जुड़ेंगे—जो न केवल व्यापार बल्कि राजनयिक संबंधों को भी एक नई दिशा दे सकता है.
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