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ठर्रा लगाकर सोता था ये मुगल बादशाह! बेवड़ेपने की सारी हदें कर दी थीं पार, फिर करता था ये काम

Mughal Harem: इतिहास में एक ऐसा मुगल बादशाह है जो न केवल वास्तुकला और प्रशासन में अपने योगदान के लिए जाना जाता था, बल्कि शराब और अफीम की लत के लिए भी काफी मशहूर था. शराबी राजा के नाम से मशहूर यह शख्स कोई और नहीं बल्कि जहांगीर था.

By: Heena Khan | Published: October 14, 2025 2:06:51 PM IST



Mughal Emperor: मुग़ल सलतनत से जुड़ी कई ऐसी कहानियां हैं जो काफी हैरान कर देने वाली है. वहीं इतिहास में एक ऐसा मुगल बादशाह है जो न केवल वास्तुकला और प्रशासन में अपने योगदान के लिए जाना जाता था, बल्कि शराब और अफीम की लत के लिए भी काफी मशहूर था. शराबी राजा के नाम से मशहूर यह शख्स कोई और नहीं बल्कि जहांगीर था. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जहांगीर की नशे की लत ने उसके निजी जीवन और उसके शासन, दोनों को बुरी तरह प्रभावित किया. चलिए इसके बारे  में जान लेते हैं. 

जानिये कैसे शुरू हुई लत 

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जहांगीर को बहुत कम उम्र में ही इसकी लत लग चुकी थी. दरअसल, इन्हे 15 साल की उम्र में, खांसी के इलाज के लिए गुलाब जल में शराब मिलाकर पिला दी. शराब का यह औषधीय प्रयोग धीरे-धीरे उनकी आदत में बदल गया. बाद में, अफगान विद्रोहियों के खिलाफ लड़ाई के दौरान, किसी ने उन्हें थकान दूर करने के लिए शराब पीने की सलाह दी. इससे उनकी शराब पर निर्भरता और बढ़ गई और उनकी लत सालों तक जारी रही.

इन नशों की थी लत 

दरअसल, जहांगीर के शराब के प्रति गहरे प्रेम का वर्णन उनकी आत्मकथा, तुज़ुक-ए-जहांगीरी में मिलती है. कहा जाता है कि जहांगीर दिन में लगभग 20 गिलास शराब पीते थे. इतना ही नहीं दिन में 14 और रात में 6 गिलास शराब के बिना उनका गुजारा नहीं होता था. इसके अलावा, अपनी लत को पूरा करने के लिए वो ईरान और मध्य एशिया से भी शराब मंगवा लेते थे. इतना ही नहीं ये बादशाह अफीम भी खाता था.

फिर दिखने लगा बुरा असर 

जहांगीर की शराब की लत ने उसके स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव डाला. एक समय तो वो इतना कमज़ोर हो गया था कि एक गिलास शराब भी नहीं पी पाता था. वहीं जहांगीर के डॉक्टर ने चेतावनी दी थी कि अगर उसने शराब पीना बंद नहीं किया, तो वो छह महीने भी जीवित नहीं रह पाएगा. इसके बाद, जहांगीर ने अफीम और बाकी मादक पदार्थों का सेवन शुरू कर दिया. समय के साथ, उसकी शासन क्षमता कमज़ोर होती गई और बाद में उसकी पत्नी नूरजहाँ ने प्रशासन की बागडोर संभाली. न केवल जहाँगीर, बल्कि उसके भाई मुराद और दानियाल भी शराब की लत से जूझते रहे, जिसके कारण अंततः उनकी मृत्यु हो गई. शराब और अफीम के प्रति उसके प्रेम ने न केवल उसके निजी जीवन, बल्कि मुग़ल दरबार को भी गहराई से प्रभावित किया. 

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