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प्रेमानंद महाराज ने कहा ‘जीने की चाह नहीं’, फिर भक्तों ने किया ऐसा काम, पूरा वृंदावन रह गया दंग

Premanand Maharaj: एल्विश यादव से बातचीत में महाराज ने कहा कि अब उनकी जीने की इच्छा नहीं है. इसके बाद प्रेमानंद महाराज के भक्तों ने कुछ ऐसा किया कि उन्हे सुबह-सुबह आश्रम से बाहर आकर लोगों को आशीर्वाद देना पड़ा.

By: Divyanshi Singh | Last Updated: October 12, 2025 2:55:02 PM IST



Premanand Maharaj Health Update: संत प्रेमानंद महाराज (Premananda Maharaj) की पदयात्रा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित होने के बाद श्रद्धालु महराज जी के दर्शन के लिए बेचैन थे.  सब लोग ये जानना चाहते थे कि प्रेमानंद महाराज की पदयात्रा दूबारी कब शुरू होगी. इसी बीच एक फेक वीडियो ने सोशल मीडिया पर हंगामा मचा दिया. संत महाराज के स्वास्थ्य से जुड़े कई वीडियो वायरल हुए और लोग जिसके बाद लोग आश्रम में उमड़ पड़े.

एल्विश यादव से बातचीत का वीडियो 

वहीं हाल ही मेंं एक निजी बातचीत में संत प्रेमानंद ने बताया कि उनकी तबियत ठीक है. वह पदयात्रा भले ही नहीं कर रहे थे लेकिन वो लोगों से मिल रहे थे. जिसके बाद उनके अनुयायियों को राहत मिली. लेकिन एल्विश यादव से बातचीत में महाराज ने कहा कि अब उनकी जीने की इच्छा नहीं है.अब राधारानी ही हैं जो उन्हें जो चाहे करने के लिए प्रेरित करें. इस वीडियो ने एक बार फिर महराज जी के भक्तों को बेचैन कर दिया. शुक्रवार को श्री राधे हित केलिकुंज आश्रम के बाहर भीड़ उमड़ पड़ी, जो महाराज की तबियत खराब होने का हाल जानने के लिए उत्सुक थी. जब आश्रम के सेवकों ने महाराज को इसकी सूचना दी, तो वे सुबह-सुबह आश्रम से बाहर आए और लोगों को आशीर्वाद दिया. महाराज के दर्शन कर लोगों को राहत मिली.

उन्हें देखकर सुकून मिला-श्रद्धालु

चंडीगढ़ से आए राहुल कुमार ने बताया कि वे रात 12 बजे आश्रम के बाहर पहुंच गए थे. वहां उनके जैसे कई लोग थे. हर कोई बस यही पूछ रहा था कि महाराज ठीक तो हैं और क्या वे बाहर आएंगे. सुबह-सुबह आश्रम के द्वार खुले और महाराज प्रकट हुए. उन्हें देखकर ऐसा सुकून मिला, मानो जीवन का आनंद मिल गया हो.

प्रेमानंद महाराज को क्या है समस्या ? 

संत प्रेमानंद महाराज कई वर्षों से किडनी की समस्या से पीड़ित हैं. अब उनका प्रतिदिन डायलिसिस होता है. उनके निवास स्थान श्री कृष्ण शरणम् में डायलिसिस मशीनें लगी हैं. जब से वे वृंदावन में निवास करने लगे हैं, वे आश्रम से बाहर नहीं जाते. वे केवल लाड़ली जू के दर्शन करने के लिए ही वृंदावन आते हैं. उन्होंने कई बार निजी बातचीत में कहा है कि वे ब्रज की धरती को कभी नहीं छोड़ेंगे. इसलिए उनके निवास स्थान पर उन्हें पूरी चिकित्सा सुविधा प्रदान की जा रही है. उनका इलाज नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ. आशीष शर्मा की देखरेख में चल रहा है, जो उन्हें समय-समय पर देखते रहते हैं.

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