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हवाई जहाज़ की खिड़कियों में होते हैं छेद, जानें क्या है इसके पीछे की सही वजह?

General Knowledge: क्या आपकों मालूम है कि एयरप्लेन की खिड़कियों में छोटे-छोटे छेद होते हैं? आइए जानते हैं इसके पीछे का दिलचस्प कारण

By: Preeti Rajput | Published: October 12, 2025 12:16:03 PM IST



Airplane Window Tiny Holes: क्या कभी आपने हवाई जाहज (Airplane) की सैर की है. उसकी खिड़की से बाहर झांकने पर आपकों खिड़की के शीशे (Airplane Window Tiny Holes)  पर छोटे-छोटे छेद नजर आएंगे. यह छेद देखने में मामूली हो सकते हैं, लेकिन यात्रियों की सुरक्षा में यह अहम भूमिका निभाते हैं. दरअसल यह छेद तापमान में बदलाव, दबाव परिवर्तन और उड़ान के दौरान तनावों के झेलने में मदद करते हैं. यह विमान का एक बेहद अहम हिस्सा है. आइए बताते हैं इसके पीछे के कारण? 

एयरप्लेन की खिड़कियों में क्यों होते हैं छोटे छोटे छेद? (Airplane Window Tiny Holes Reason)

केबिन दबाव को नियंत्रित करना 

इस छोटे से छेद को ब्रीदर या ब्लीड होल के नाम से जाना जाता है. यह खिड़की की परतों पर पड़ने वाले हवा के दबाव को संतुलित करने में मददगार साबित होता है. यह खिड़की को क्षति से बचा सकता है. खिड़की का बाहरी शीशा दबाव का भार उठाता है. जिससे भीतरी परत मजबूत होती है. साथ ही यह क्षेद खिड़की के शीशों के बीच हवा प्रवाहित होने देता है. 

कोहरे से बचाव 

ब्रीदर होल खिड़की के शीशे पर जमा होने वाली नमी को भी रोकता है. इस छेद के कारण बर्फ जमने की संभावना कम हो जाती है. इससे यात्री बाहर साफ तरीके से देख सकते हैं. इस छेद से हवा अंदर आती है, जिससे खिड़की साफ रहती है. 

खिड़की की संरचना बनाए रखना 

ब्लीड होल बाहरी शीशा ज़्यादातर दबाव को सोख ले, जिससे बीच वाले शीशे पर असंतुलित दबाव न पड़े. इससे खिड़की के शीशे की संरचना बनी रहती है. यह छेद शीशा टूटने से बचाने में मदद करता है. यह छेद दवाब को झेलने के लिए डिजाइम किया गया है. 

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यात्रियों की सुरक्षा  

छेद दबाव को नियंत्रित करके खिड़की को क्षतिग्रस्त होने से बचाकर कैबिन की सुरक्षा बनाए रखने में मदद करता है. बाहर वाला शीशा अगर खराब भी हो जाता है, तो बीच वाला शीशा बैकअप के तौर पर काम आता है. इससे यात्रियों की सुरक्षा निश्चित की जाती है. ताकि सभी सुरक्षित यात्रा कर सकें.  

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