Bihar Vidhan Sabha Chunav 2025: विधानसभा चुनाव में पार्टियां अपने प्रचार में कोई कसर नहीं छोड़ती. इसके लिए वे औपचारिक रूप से स्टार प्रचारकों की सूची जारी करती हैं. जिसमें अन्य राज्यों के मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री, प्रमुख नेता और फिल्म अभिनेता शामिल होते है. कभी-कभी प्रधानमंत्री भी किसी राज्य में प्रचार करने आते है. लेकिन हम आपको एक ऐसे विधानसभा क्षेत्र की कहानी बताने जा रहे हैं जहां एक ही विधायक के लिए प्रचार करने के लिए दो प्रधानमंत्री आमने-सामने थे. उस विधानसभा क्षेत्र में चुनाव एक ऐसे अंदाज़ में हुआ जैसा शायद ही कभी देखा गया हो.
जमुई का ये दिन
वह साल 1977 था और यह बिहार के जमुई विधानसभा क्षेत्र में हुआ. लोकसभा चुनाव पहले ही हो चुका था और कांग्रेस पार्टी को शिकायत मिली थी कि जनता पार्टी ने सरकार बनाई और मोरारजी देसाई प्रधानमंत्री बने थे. जून 1977 में बिहार विधानसभा चुनाव हुए और जनता पार्टी ने इस निर्वाचन क्षेत्र से त्रिपुरारी सिंह को मैदान में उतारा. उनके विरोध में कांग्रेस ने जमुई निर्वाचन क्षेत्र से पंचानन सिंह को मैदान में उतारा. किसी भी विधानसभा क्षेत्र में चुनाव प्रचार के लिए प्रधानमंत्री का दौरा अपने आप में महत्वपूर्ण होता है. लेकिन उस दौरान जो कुछ हुआ, वह शायद पहले कभी नहीं हुआ.
2 प्रधानमंत्री आमने-सामने
उस दौर के दिग्गज नेता शिवनंदन सिंह बताते है कि त्रिपुरारी सिंह के तत्कालीन प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के साथ अच्छे राजनीतिक संबंध थे और इसीलिए वे त्रिपुरारी सिंह के प्रचार के लिए सात सीटों वाले चार्टर विमान से जमुई गए थे. उनका चार्टर विमान जमुई जिले के बिठलपुर में उतरा और फिर उन्होंने जमुई शहर के गांधी पार्क में एक सभा को संबोधित किया. इस बीच कांग्रेस उम्मीदवार पंचानंद सिंह ने भी अपने प्रचार में कोई कसर नहीं छोड़ी और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को अपने प्रचार के लिए जमुई आमंत्रित किया था. इंदिरा गांधी हेलीकॉप्टर से जमुई पहुंचीं और केकेएम कॉलेज में एक रैली की. उन्होंने बताया कि उस दौरान तत्कालीन जनता पार्टी अध्यक्ष चंद्रशेखर, पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर, रामकृष्ण हेगड़े, आचार्य जेबी कृपलानी समेत कई नेताओं ने जनसभाओं को संबोधित किया था. हालांकि त्रिपुरारी सिंह 27,000 वोटों से चुनाव जीत गए. यह चुनाव लंबे समय तक लोग याद करते रहें.