Pakistan: पाकिस्तान ने गुरुवार रात तालिबान शासित अफ़ग़ानिस्तान की राजधानी काबुल में हवाई हमला किया. यह हमला पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ द्वारा “बस अब बहुत हुआ” कहकर कड़ी चेतावनी देने और यह एलान करने के कुछ ही घंटों बाद हुआ कि इस्लामाबाद अब देश के अंदर कथित आतंकवादी ठिकानों को बर्दाश्त नहीं करेगा.
काबुल शहर में विस्फोट
पाकिस्तानी अखबार डॉन ने अफ़ग़ान तालिबान के प्रवक्ता ज़बीहुल्लाह मुजाहिद के हवाले से बताया कि काबुल शहर में विस्फोटों की आवाज़ सुनी गई लेकिन किसी नुकसान की कोई खबर नहीं है.
पाकिस्तान ने मिसाइलें दागीं
एक अफ़ग़ान-तालिबान प्रवक्ता ने कहा “काबुल शहर में विस्फोटों की आवाज़ सुनी गई. हालांकि चिंता की कोई बात नहीं है सब कुछ ठीक है. घटना की जांच की जा रही है और अभी तक किसी नुकसान की कोई खबर नहीं मिली है.”
د کابل په ښار کې د یوې چاودنې غږ اوریدل شوی.
خو څوک دې تشویش نه کوي، خیر او خیرت ده، د حادثې پلټنه روانه ده، تر اوسه د کوم زیان په اړه راپور نه دی ورکړل شوی.صدای یک انفجار در کابل شنیده شد.
تحقیقات جریان دارد، تا کنون گزارش کدام زیانی داده نشده است خیر و خیرت می باشد.— Zabihullah (..ذبـــــیح الله م ) (@Zabehulah_M33) October 9, 2025
दो विस्फोट हुए
डॉन के अनुसार विस्फोट में एक लैंड क्रूज़र को निशाना बनाया गया था. रॉयटर्स ने बताया कि रात लगभग 9:50 बजे कम से कम दो विस्फोट सुने गए. हालांकि इस पाकिस्तानी हमले के बाद अफ़ग़ानिस्तान ने स्पष्ट किया है कि उसे कोई नुकसान नहीं हुआ है.
पाकिस्तान ने चेतावनी जारी की
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने गुरुवार को अफ़ग़ान तालिबान को कड़ी चेतावनी दी.उन्होंने चेतावनी दी कि पाकिस्तान का धैर्य जवाब दे चुका है. उन्होंने अफ़ग़ानिस्तान की धरती का इस्तेमाल करके पाकिस्तान को निशाना बनाने वाले आतंकवादियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई न होने पर नाराज़गी जताई.
नेशनल असेंबली को संबोधित करते हुए आसिफ ने कहा, “बस, बहुत हो गया.” उन्होंने चेतावनी दी कि पाकिस्तान अब अफ़ग़ानिस्तान की धरती से आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करेगा. यह चेतावनी ओरकज़ई ज़िले में प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के साथ हुई झड़प में एक लेफ्टिनेंट कर्नल और एक मेजर समेत 11 पाकिस्तानी सुरक्षाकर्मियों के मारे जाने के बाद आई है.
आसिफ ने सांसदों से कहा कि पाकिस्तान आतंकवादियों के समर्थकों का पीछा करेगा, चाहे वे कहीं भी हों. उन्होंने संकेत दिया कि अगर काबुल साझा सीमा पर आतंकवादियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई नहीं करता है तो इस्लामाबाद कड़ी कार्रवाई कर सकता है.
उन्होंने कहा, “हमारे धैर्य की भी एक सीमा है। जो कोई भी आतंकवादियों को पनाह या समर्थन देता है चाहे वह पाकिस्तान में हो या अफ़ग़ानिस्तान में उसे परिणाम भुगतने होंगे.” आसिफ ने खुलासा किया कि पाकिस्तान ने तीन साल पहले काबुल दौरे के दौरान अफ़ग़ान तालिबान के साथ सीमा पार आतंकवाद का मुद्दा सीधे तौर पर उठाया था लेकिन अफ़ग़ान पक्ष ने केवल अस्पष्ट आश्वासन ही दिए.
उन्होंने कहा, “हमने अफ़ग़ान अधिकारियों से कहा कि आपके क्षेत्र में 6,000-7,000 लोग रहते हैं जो हमारे लिए ख़तरा हैं.” आसिफ के अनुसार काबुल ने उन समूहों को पश्चिमी अफ़ग़ानिस्तान में बसाने के लिए वित्तीय व्यवस्था का भी सुझाव दिया.
विदेश मंत्री भारत दौरे पर
अफ़ग़ानिस्तान पर पाकिस्तान का हमला ऐसे समय में हुआ है जब अफ़ग़ान विदेश मंत्री आमिर ख़ान मुत्तकी भारत दौरे पर हैं और आज (शुक्रवार, 10 अक्टूबर) भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर के साथ महत्वपूर्ण वार्ता करने वाले हैं.
मुत्तकी 9 से 16 अक्टूबर तक भारत की यात्रा पर हैं. 2021 में अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान के सत्ता में आने के बाद से यह उनकी पहली भारत यात्रा है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने X पर कहा, “हम उनके साथ द्विपक्षीय संबंधों और क्षेत्रीय मुद्दों पर सार्थक चर्चा की आशा करते हैं.”
भारत ने अभी तक तालिबान शासन को औपचारिक रूप से मान्यता नहीं दी है, लेकिन मानवीय सहायता और क्षेत्रीय सुरक्षा चिंताओं के बीच सीमित राजनयिक संपर्क बनाए रखा है. इस वर्ष, रूस तालिबान के इस्लामिक अमीरात को औपचारिक रूप से मान्यता देने वाला पहला देश बना.