आज के डिजिटल युग में मोबाइल हर व्यक्ति की दिनचर्या का अभिन्न हिस्सा बन चुका है. कई लोग अपने मोबाइल वॉलपेपर पर भगवान की तस्वीर लगाना शुभ मानते हैं. उनका मानना होता है कि इससे ईश्वर की कृपा बनी रहती है और नकारात्मक ऊर्जा दूर रहती है. लेकिन वास्तुशास्त्र और धार्मिक दृष्टि से देखा जाए तो मोबाइल या किसी भी डिजिटल डिवाइस पर भगवान की तस्वीर लगाना उचित नहीं माना गया है. इसके पीछे कई तर्क और मान्यताएं छिपी हैं, जिन्हें जानना आवश्यक है.
धार्मिक कारण
धार्मिक दृष्टि से भगवान की तस्वीर या प्रतिमा का विशेष स्थान होता है. हिंदू धर्म में ईश्वर की मूर्ति या चित्र को पवित्र स्थान, जैसे मंदिर या घर के पूजाघर में स्थापित करने का विधान है. मोबाइल फोन एक ऐसा उपकरण है जिसे हम हर जगह लेकर जाते हैं: कभी बाथरूम, कभी सड़क या भीड़भाड़ वाली जगहों पर. ऐसे में भगवान की तस्वीर का अपमान अनजाने में ही हो जाता है. यही कारण है कि शास्त्रों में कहा गया है कि “जहां अशुद्धि का भय हो, वहां देव का स्मरण भी सावधानी से करना चाहिए.”
वास्तु कारण
वास्तुशास्त्र के अनुसार, मोबाइल पर भगवान की तस्वीर लगाना घर या जीवन में ऊर्जा असंतुलन पैदा कर सकता है. मोबाइल एक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है, जिसमें लगातार तरंगें (रेडिएशन) निकलती रहती हैं. ये तरंगें देवताओं की सकारात्मक ऊर्जा को प्रभावित करती हैं. वास्तु के अनुसार, भगवान की तस्वीरों का स्थान ऐसा होना चाहिए, जहां शांति, श्रद्धा और सकारात्मकता हो. मोबाइल की लगातार बदलती ऊर्जा और अनियमित उपयोग इस संतुलन को बिगाड़ सकती है.
व्यवहारिक कारण
व्यवहारिक रूप से भी मोबाइल पर भगवान की तस्वीर लगाना कई बार अनुचित परिस्थितियों में ईश्वर के प्रति अनादर का कारण बन सकता है. जैसे – कॉल आने पर तस्वीर पर हाथ लगना, गिरना, या स्क्रीन पर किसी अनुचित सामग्री का दिखना. ये सब अनजाने में भगवान की तस्वीर का अपमान करते हैं.
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क्या करें?
अगर आप ईश्वर की कृपा अपने साथ बनाए रखना चाहते हैं, तो बेहतर होगा कि मोबाइल में भगवान की तस्वीर वॉलपेपर पर न लगाएं, बल्कि गैलरी में सुरक्षित रखें. आप चाहें तो अपने मोबाइल में भगवान का नाम, मंत्र या ओम का प्रतीकात्मक चिन्ह लगा सकते हैं. इससे भी शुभ फल प्राप्त होते हैं और श्रद्धा बनी रहती है.
मोबाइल पर भगवान की तस्वीर लगाना देखने में भले ही आस्था का प्रतीक लगे, लेकिन धार्मिक, वास्तु और व्यवहारिक दृष्टि से यह उचित नहीं है. ईश्वर का सम्मान तभी सार्थक होता है जब हम उनकी पवित्रता और मर्यादा को बनाए रखें. इसलिए भगवान की छवि को पवित्र स्थान पर ही स्थापित करें, वहीं से आपको सच्चे अर्थों में दिव्य ऊर्जा और आशीर्वाद प्राप्त होगा.