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बागेश्वर धाम में अब इन लोगों की नहीं होगी एंट्री, धीरेंद्र शास्त्री ने क्यों लिया ये बड़ा फैसला

Bageshwar Dham: बागेश्वर धाम में VIP और VVIP मुलाकात को लेकर बड़ा फैसला लिया गया है.

By: Divyanshi Singh | Published: October 2, 2025 4:48:57 PM IST



Bageshwar Dham vip meetings ban: बागेश्वर धाम गढ़ा में नवरात्रि साधना के समापन पर एक बड़ा फैसला लिया गया है. बागेश्वर महाराज धीरेंद्र शास्त्री के अनुसार, साधना के दौरान गुरु संन्यासी बाबा ने आदेश दिया है कि बागेश्वर धाम आने वाले वीआईपी और वीवीआईपी सिफ़ारिशकर्ताओं को अब मिलने की अनुमति नहीं होगी. महाराज केवल उन्हीं भक्तों से मिलेंगे जो सच्चे भक्त के रूप में बिना किसी सिफ़ारिश के दर्शन और आशीर्वाद लेने धाम आते हैं.

इस तरह समाप्त किया व्रत

नौ दिवसीय नवरात्रि साधना पूरी करने के बाद दसवें दिन बागेश्वर महाराज ने बुंदेलखंड की गंगा कही जाने वाली केन नदी पहुंचकर अपना व्रत समाप्त किया. वाराणसी से आए आचार्यों ने वैदिक मंत्रों के साथ इस अवसर पर अनुष्ठान किया.

धाम में आयोजित दिव्य दरबार में, महाराज ने भक्तों के साथ अपनी साधना के अनुभव साझा किए. उन्होंने बताया कि साधना के दौरान उन्होंने पंचमुखी हनुमान का 11 लाख बार जाप किया, माता रानी की पूजा की और उसे अपने आराध्य बागेश्वर बालाजी के चरणों में समर्पित किया.

गुरु के आदेश पर लिया फैसला 

महाराज धीरेंद्र शास्त्री ने बताया कि ध्यान के दौरान उनके गुरु, संन्यासी बाबा ने कहा कि वीआईपी और वीवीआईपी बैठकों के कारण, दूर-दराज से आने वाले गरीबों, असहायों और भक्तों की पीड़ा अनसुनी हो जाती है. गुरु ने आदेश दिया कि अब से बागेश्वर धाम में प्रोटोकॉल और सिफ़ारिश वाले वीआईपी और वीवीआईपी को प्राथमिकता नहीं दी जाएगी.

उन्होंने कहा कि अगर वे आते हैं तो उन्हें अलग से समय दिया जाएगा लेकिन गरीबों, असहायों, बीमारों और सच्चे भक्तों को पहले अवसर मिलेगा. महाराज ने कहा कि अपनी कुटिया में ध्यान के दौरान, उन्होंने गुरुजी के आदेशों की अवहेलना न करने का संकल्प लिया.

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 भक्तों के साथ बैठक

बागेश्वर महाराज ने कहा कि अब पहले की तरह, बागेश्वर बालाजी की अनुमति से दिव्य दरबार में भक्तों की प्रार्थनाएँ सुनी जाएँगी और पर्चियाँ तैयार की जाएँगी. इसके अतिरिक्त, रोगियों के लिए संध्या दर्शन के दौरान भक्तों को पवित्र भभूति भी प्रदान की जाएगी.

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धीरेन्द्र शास्त्री ने बताया कि यह क्रम भविष्य में भी जारी रहेगा तथा प्रत्येक गुरुवार को नए नियमों के तहत श्रद्धालुओं से मिलकर मंदिर परिसर से ही सिद्ध भभूति वितरित की जाएगी.

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