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जंग से जूझ रहे मिडिल ईस्ट में ये देश है सबसे ज्यादा सुरक्षित; तुर्किये को भी छोड़ा पीछे

Middle East Safest Countries: 29 सितंबर को जारी आदेश में कहा गया है कि अगर कोई भी कतर पर हमला करता है तो अमेरिका उसका जवाब देगा.

By: Shubahm Srivastava | Published: October 2, 2025 3:38:18 PM IST



Middle East Safest Countries: हाल ही में इजरायल ने कतर के ऊपर हमास नेताओं को निशाना बनाते हुए बमबारी की थी. इस घटना ने खाड़ी देशों के अलावा अमेरिका तक में हलचल मचा दी थी. क्योंकि बाकी देशों की तरह कतर में भी अमेरिकी सैन्य अड्डा मौजूद है. अब इसी कड़ी में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कतर को सुरक्षा गारंटी देने वाला आदेश जारी किया है. 

खास बात ये रही कि ये आदेश 29 सितंबर को इजराइली PM बेंजामिन नेतन्याहू के सामने जारी किया गया है. इस आदेश में साफ तौर पर कहा गया है कि अगर कोई भी कतर पर हमला करता है तो अमेरिका उसका जवाब देगा. चाहे उसके लिए कुछ भी करना हो.

अब इस कड़ी में ये देखना होगा कि मिडिल ईस्ट में आज के समय में कौन सा देश सबसे ज्यादा सुरक्षित है. चलिए जानते हैं.

तुर्किये और नाटो की सुरक्षा व्यवस्था

तुर्की की सबसे मज़बूत विशेषताएँ उसकी नाटो सदस्यता और अनुच्छेद 5 हैं. हालाँकि, नाटो के संविधान में कुछ जटिलताएँ हैं जो उसके तनाव को बढ़ाने के लिए पर्याप्त हैं. नाटो के संविधान का अनुच्छेद 5 विशेष रूप से सामूहिक रक्षा से संबंधित है.

इसमें कहा गया है कि यदि किसी देश पर हमला होता है, तो नाटो के शीर्ष सुरक्षा बोर्ड की बैठक बुलाई जाएगी. बोर्ड यह तय करेगा कि हमला सही है या गलत और क्या कार्रवाई की जानी चाहिए. हमले के लिए सभी 32 सदस्य देशों की सहमति भी आवश्यक है.

यही कारण है कि जब तुर्की ने सीरिया में हमलों के लिए नाटो से सैन्य सहायता का अनुरोध किया, तो नाटो ने अपनी सैन्य प्रतिक्रिया प्रणाली को सक्रिय नहीं किया. ऐसा इसलिए है क्योंकि तुर्की ने स्वयं सीरिया में हस्तक्षेप किया था. अनुच्छेद 5 केवल तभी लागू होता है जब किसी नाटो देश पर हमला होता है.

सऊदी अरब-पाकिस्तान सुरक्षा समझौता

सऊदी अरब और परमाणु-सशस्त्र पाकिस्तान ने 17 सितंबर, 2025 को एक रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर किए. इसके अनुसार, सऊदी अरब या पाकिस्तान पर कोई भी हमला दोनों पर हमला माना जाएगा. हालाँकि, इस बारे में बहुत कम जानकारी सामने आई है. सऊदी अरब ने 1998 में पाकिस्तान के पहले परमाणु परीक्षण के बाद उसे सहायता प्रदान की थी, जिसके कारण उस पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध लगे थे. हालांकि, पाकिस्तान ने परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की बात स्पष्ट रूप से नहीं कही है. यह समझौता राष्ट्रीय रक्षा के लिए है, न कि प्रॉक्सी वॉर के लिए.

कतर को अमेरिका की सुरक्षा गारंटी

29 सितंबर को, ट्रंप ने एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए, जो कतर को नाटो के अनुच्छेद 5 के समान शर्तों पर अमेरिकी सुरक्षा गारंटी प्रदान करता है. यह अनुच्छेद 5 अमेरिका और एक अरब देश के बीच एक प्रमुख सुरक्षा समझौता है. इस आदेश में कहा गया है कि अमेरिका कतर के क्षेत्र, संप्रभुता या महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे पर किसी भी सशस्त्र हमले को अपनी शांति और सुरक्षा के लिए खतरा मानेगा. अमेरिका कूटनीतिक, आर्थिक और ज़रूरत पड़ने पर सैन्य उपायों से जवाब देने के लिए तैयार है.

इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए यह माना जा सकता है कि कतर को दी गई अमेरिकी सुरक्षा गारंटी सबसे मजबूत है, क्योंकि यह स्पष्ट रूप से सभी प्रकार के हमलों को कवर करती है.

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