gaming industry: 1 अक्टूबर बुधवार से ऑनलाइन गेमिंग में एक नए दौर की शुरुआत हो रही है. एक नया कानून लागू हो गया है जिसमें ऐसे गेम्स पर रोक लग रही है जिनमे पैसे लगाए जाते है. अगस्त में संसद ने पारित किया था की 1 अक्टूबर से ऑनलाइन गेमिंग प्रमोशन और रेगुलेशन एक्ट 2025 के तहत यह प्रभावी होगा.
गेमिंग उद्योग, जिन लोगो की कमाई पहले लगभग पूरी तरह पैसों के खेल पर टिकी थी अब वह लोग अलग-अलग क्षेत्रों में जाने की कोशिश कर रहे हैं. यह कानून कई राज्यों में पैसे डुबाने वाले खिलाड़ियों द्वारा आत्महत्या की बढ़ती घटनाओं को नियंत्रित करने के लिए लाया गया था. सरकार को शक हुआ कि इन ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकी फंडिंग जैसे अपराधों में इस्तेमाल की जा रही हैं.
आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि बेशक पैसे वाले खेल बन्द हो रहे हैं. लेकिन ई-स्पोर्ट्स और सोशल गेम्स को बढ़ावा देने पर सरकार के फोकस के साथ- साथ बड़ावा देने की पूरी संभावनाएं हैं. मंत्री के मुताबिक पैसे से जुड़े ऑनलाइन गेम अब लोगों के लाइफस्टाइल और हेल्थ पर बुरा प्रभाव डाल रहे हैं जिसका समाज पर महत्वपूर्ण नकारात्मक प्रभाव पड़ा है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ई-स्पोर्ट्स और सोशल गेमिंग भारत को खेलों के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विकास में आगे बढ़ने में मदद करेंगे.
मंत्री ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया था, “हमने मनी लॉन्ड्रिंग के साथ-साथ आतंकवाद को समर्थन देने के मामले भी देखे हैं। इसीलिए हमने इसे रोक रखा है यह उद्योग जगत को भी साफ़ दिखाई दे रहा था. अगर उन्होंने नुकसान को रोकने के लिए अच्छे और प्रभावी कदम उठाए होते तो ज़ाहिर है हालात अलग होते.” ड्रीम11, गेम्स24×7, एमपीएल और विनज़ो जैसी शीर्ष गेमिंग कंपनियों ने तब से मनी गेम्स बंद कर दिए हैं और दर्शकों से जुड़ने के लिए नए क्षेत्रों में कदम रखा है.
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