Gold Price News: हाल के वर्षों में भू-राजनीतिक तनाव, आर्थिक अनिश्चितताओं और सबसे ज्यादा ट्रंप टैरिफ जैसे कारकों का असर सोने की किमतों पर पड़ा है, नतिजन सोने में बिजली की तेजी आई है. इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि पांच साल पहले (19 सितंबर, 2020), मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज ऑफ इंडिया (MCX) पर सोना (24 कैरेट) 51,619 रुपये प्रति 10 ग्राम पर था. वहीं 22 सितंबर 2025 को इसका दाम 1,09,388 रुपये था. पांच साल में 112% का उछाल देखने को मिला है.
इसके बाद से ये सवाल उठ रहा है कि क्या अगले पांच साल में 10 ग्राम सोने की कीमत 2 लाख रुपये तक पहुंच जाएगी? लोगों के मन में ये सवाल भी आ रहा है कि अब वो गोल्ड खरीदें, होल्ड करें या बेच दें? चलिए इन सवालों का जवाब एक्सपर्ट्स से जानते हैं.
इस हालत में निवेशकों को क्या करना चाहिए?
सोने के दामों तेजी से आसमान छू रहे हैं, और हालात को देखते हुए इनके नीचे आने की संभावना भी कम ही लग रही है. अब इस हालत में इकोनॉमिक टाइम्स की एक ताजा रिपोर्ट में एक्सपर्ट्स ने निवेशकों को सलाह दी है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक निवेशक अपने पोर्टफोलियो का 5-10% सोने में रखें. अगर सोने का हिस्सा ज्यादा हो गया है, तो कुछ बेचकर स्टॉक्स या बाकी असेट्स में लगाएं. अगर हिस्सा सही है, तो होल्ड करो.
और अगर कम है, तो धीरे-धीरे खरीदो. सोना जल्दी दोगुना नहीं होगा, लेकिन स्टेडी ग्रोथ देगा. यूएस में गोल्ड ईटीएफ के पास 215 बिलियन डॉलर की एसेट्स हैं, जो और बढ़ेंगी. भारत में भी डिमांड बढ़ रही है. आसान भाषा में कहें तो सोना सेफ और स्मार्ट इन्वेस्टमेंट है.
हालांकि इस बात का ध्यान रखना होगा कि बिना सोचे पूरा पैसा न लगाया जाए. एक्सपर्ट्स की सलाह लेने के बाद ही कोई कदम उठाएं. भारत में शादी-ब्याह से लेकर निवेश तक, सोना हमेशा चमकता रहेगा.
आखिर क्यों बढ़ रही हैं सोने की कीमतें?
विशेषज्ञों के अनुसार, सोने की कीमतों में यह वृद्धि कोविड-19, रूस-यूक्रेन युद्ध, ट्रम्प के टैरिफ और वैश्विक अनिश्चितता के कारण है. इसके अलावा, लोग शेयर बाजार में कम रिटर्न मिलने पर सोने में निवेश करते हैं. पिछले एक साल में निफ्टी 50 का रिटर्न लगभग शून्य रहा है. इससे सोने की मांग बढ़ी है. गोल्ड ईटीएफ में निवेश से 47% से अधिक का रिटर्न मिल रहा है.
ATM से अब इस दिन से निकाल सकेंगे PF का पैसा, सामने आ गई तारीख; ऐसे उठा सकेंगे फायदा?