H3N2 Flu: इन्फ्लुएंजा ए के H3N2 फ्लू वायरस सबटाइप ने पूरे दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में एक बड़ी महामारी फैला दी है. H3N2 फ्लू वायरस (H3N2 flu virus) दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों गुरुग्राम, नोएडा, फरीदाबाद और गाजियाबाद में फैल गया है और अधिकांश स्थानीय परिवारों को संक्रमित कर रहा है. H3N2 फ्लू वायरस सामान्य सर्दी-जुकाम की तुलना में अधिक गंभीर लक्षण पैदा करता है क्योंकि यह लंबे समय तक बीमारी और खतरनाक जटिलताओं का कारण बनता है. तो चलिए जानते हैं कि H3N2 फ्लू वायरस के लक्षण और बचने के उपाय क्या हैं.
जाने H3N2 फ्लू वायरस के लक्षण
H3N2 फ्लू के लक्षण आम फ्लू जैसे ही होते हैं, लेकिन ये अचानक शुरू होते हैं और धीरे-धीरे बढ़ते जाते हैं.
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तेज बुखार और ठंड लगना
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लंबे समय तक रहने वाली खाँसी
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गले में खराश
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नाक बहना या बंद होना
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पूरे शरीर में दर्द और थकान
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सिरदर्द
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बच्चों में उल्टी, जी मिचलाना और दस्त भी हो सकते हैं
अगर सांस लेने में परेशानी होने लगे या सांस फूलने लगे, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.
किसे ज्यादा सावधान रहना चाहिए?
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अस्थमा (दमा) के मरीज
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डायबिटीज और हृदय रोग के मरीज
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बुजुर्ग लोग
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पांच साल से छोटे बच्चे
H3N2 कैसे फैलता है
यह वायरस बहुत तेजी से हवा में फैलता है. जब कोई बीमार व्यक्ति खांसता, छींकता या बात करता है, तो उसके मुंह से छोटे-छोटे कण (droplets) निकलते हैं जिनमें वायरस होता है. ये कण हवा में मिलकर दूसरे लोगों तक पहुंच जाते हैं. यह संक्रमित सतह (जैसे दरवाज़े का हैंडल, मोबाइल, कपड़े) छूने से भी फैलता है। यह भीड़-भाड़ वाले या बंद कमरों (जैसे AC वाले कमरे) में यह ज्यादा जल्दी फैलता है.
कैसे ठीक हों
- फ्लू जैसे लक्षण दिखाई देने पर लोगों को तुरंत कार्रवाई शुरू कर देनी चाहिए.
- संक्रमित व्यक्ति को कम से कम 5 से 7 दिनों तक बिस्तर पर रहना चाहिए.
- मरीज़ों को अपने शरीर के तरल पदार्थों के उचित स्तर को बनाए रखने के लिए पानी, गर्म सूप और हर्बल चाय पीनी चाहिए.
- शरीर का तापमान कम करने और मांसपेशियों की तकलीफ़ का इलाज करने के लिए पैरासिटामोल या एसिटामिनोफेन लें. (अगर एलर्जी नहीं है, तो डॉक्टर से सलाह ज़रूर लें)
- लोग गले में खराश की तकलीफ़ के इलाज के लिए गले की दवा का इस्तेमाल कर सकते हैं.
- लोगों को एंटीबायोटिक्स केवल तभी लेनी चाहिए जब उनके डॉक्टर ने उन्हें प्रिस्क्रिप्शन दिया हो, क्योंकि ये दवाए वायरल संक्रमणों के खिलाफ काम नहीं करतीं.
- जिन लोगों को गंभीर बीमारी के लक्षण या सांस लेने में तकलीफ, सीने में दर्द, उल्टी और चक्कर आने जैसे उच्च जोखिम वाले कारक दिखाई देते हैं, उन्हें तुरंत चिकित्सा सहायता लेनी चाहिए.
- चिकित्सा कर्मचारी लक्षण शुरू होने के पहले 48 घंटों के भीतर एंटीवायरल दवाएं लिख सकते हैं, ताकि मरीज़ जल्दी ठीक हो सकें और हल्के लक्षणों का अनुभव कर सकें.
घरेलू सावधानियां
- उचित स्वच्छता के लिए दिन में कई बार साबुन और पानी से बीस सेकंड तक हाथ धोना चाहिए.
- बाहर निकलते समय फेस मास्क पहनें और बीमारी के लक्षण दिखाने वाले किसी भी व्यक्ति से दूरी बनाए रखें.
- तौलिये, बर्तन और बिस्तर जैसी निजी वस्तुओं का आदान-प्रदान करने से बचें.
- शुष्क वातावरण और उचित वेंटिलेशन के साथ-साथ नियमित सफाई कार्य, बीमारी के संचरण को रोकने में मदद करते हैं.
- संतरे, नींबू और आंवले से विटामिन सी लेकर, पर्याप्त नींद लें और हल्का व्यायाम करके अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाएं.
- लोगों को संक्रमण की संभावना को कम करने के लिए फ्लू के मौसम में भीड़-भाड़ वाली जगहों से दूर रहते हुए, गंदे हाथों से अपना चेहरा छूने से बचना चाहिए.
टीकाकरण
2025-2026 के फ्लू टीके में H3N2 स्ट्रेन से सुरक्षा है, जो इस वर्ष के टीके का एक हिस्सा है. वार्षिक फ्लू टीकाकरण गंभीर फ्लू संबंधी जटिलताओं के विकास के विरुद्ध सबसे मज़बूत सुरक्षा प्रदान करता है. फ्लू का टीका स्वास्थ्य कर्मियों, पुरानी बीमारियों से ग्रस्त लोगों और संवेदनशील समूहों, दोनों को गंभीर बीमारी से बचाता है. फ्लू का टीका संक्रमण से बचाता है और साथ ही फ्लू के लक्षणों की गंभीरता को कम करता है. अस्वीकरण: यह लेख केवल सूचनात्मक है और चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं है.