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तहसीलदार के घर में घुसी विजिलेंस टीम, कमरे में ऐसा क्या देखा… जो उड़ गए अधिकारियों के होश

Aswini Panda Bribe Case: ओडिशा में तहसीलदार अश्विनी कुमार पंडा को 15 हजार रुपये का रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया है. उनपर 20 हजार रुपए का रिश्वत मांगने का आरोप है.

By: Sohail Rahman | Published: September 13, 2025 11:55:33 AM IST



अक्षय महाराणा की रिपोर्ट, Odisha News: ओडिशा के संबलपुर जिले में बामड़ा के तहसीलदार अश्विनी कुमार पंडा को भ्रष्टाचार निरोधक विभाग (Vigilance) की टीम ने शुक्रवार को घूस लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया. पंडा पर आरोप है कि उन्होंने एक किसान से कृषि भूमि को आवासीय भूमि में बदलने के लिए म्यूटेशन केस में 20,000 रुपये की मांग की थी. शिकायत मिलने पर विजिलेंस अधिकारियों ने जाल बिछाया और तहसीलदार को उनके ड्राइवर पी. प्रवीण कुमार के माध्यम से 15,000 रुपये रिश्वत लेते हुए धर दबोचा. दोनों को हिरासत में लिया गया और पूरी रिश्वत की राशि जब्त कर ली गई.

होनहार अधिकारियों में होती थी अश्विनी पंडा की गिनती (Aswini Panda Success Story)

आपको जानकारी के लिए बता दें कि 29 वर्षीय अश्विनी पंडा की गिनती कभी ओडिशा के होनहार अधिकारियों में होती थी. उन्होंने पहले ही प्रयास में बिना किसी कोचिंग के ओडिशा सिविल सेवा परीक्षा पास कर ली थी और तहसीलदार बने थे. अब उन्हीं पर रिश्वत लेने का गंभीर आरोप लग गया है, जिससे जनता में निराशा है. अश्विनी का संबंध जाजपुर ज़िले के धर्मशाला ब्लॉक स्थित खेतरपाल गांव से है. उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा जनकल्याण हाई स्कूल से ली और फिर रेवेंशा यूनिवर्सिटी से विज्ञान विषय में प्लस टू किया. इसके बाद 2015 में ब्रह्मपुर के एक निजी कॉलेज से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक किया.

तीन साल प्राइवेट नौकरी में किया काम (Worked in a private job for three years)

इंजीनियर बनने के बाद वे दिल्ली चले गए, जहां उन्होंने एक प्राइवेट कंपनी में तीन साल तक काम किया. फिर 2018 में नौकरी छोड़कर ओडिशा लौट आए और सरकारी सेवा की तैयारी में जुट गए. पहले उन्होंने असिस्टेंट सेक्शन ऑफिसर (ASO) की परीक्षा दी, जिसमें वे मात्र 0.5 अंक से असफल रहे. इसके बाद उन्होंने ओडिशा सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू की. 2019 की प्रारंभिक परीक्षा मार्च में हुई थी, जबकि मुख्य परीक्षा कोविड महामारी के चलते देर से आयोजित की गई. तमाम अड़चनों के बावजूद उन्होंने सफलता हासिल की और एक आदर्श अफसर बनने की दिशा में कदम बढ़ाया.

भ्रष्टाचार के लगे गंभीर आरोप (Serious allegations of corruption)

लेकिन अब उसी अफसर पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं. विजिलेंस ने छापेमारी के दौरान उनके आवास से 4.73 लाख रुपये नकद बरामद किए हैं. अधिकारियों के अनुसार, इस रकम की जांच की जा रही है कि यह कहां से और कैसे प्राप्त हुई. जिस व्यक्ति को मेहनत, लगन और आत्मविश्वास की मिसाल माना जाता था, अब वही भ्रष्टाचार के आरोपों में घिर गया है. सोशल मीडिया और आम लोगों के बीच इस घटना को लेकर गुस्सा है. लोग सवाल कर रहे हैं – अगर ऐसे अधिकारी भी रिश्वत लेंगे तो फिर ईमानदारी की उम्मीद किससे जाये?

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