मेरठ, उत्तर प्रदेश से पंकज गुप्ता की रिपोर्ट
Jagadguru Rambhadracharya: मेरठ के विक्टोरिया भामाशाह पार्क में पिछले तीन दिनों से जगतगुरु स्वामी रामभद्राचार्य जी की श्री राम कथा का आयोजन हो रहा है. इस कथा में महिलाएं बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रही हैं. न केवल कथा सुनने, बल्कि व्यवस्था में भी सक्रिय रूप से योगदान दे रही हैं. कथा स्थल पर महिलाओं मेरठ काफी उत्साह है. बारिश के बावजूद उनका जोश कम नहीं हुआ. महिलाएं समय से पहले पहुंचकर कथा सुन रही हैं और अपने अनुभव साझा कर रही हैं.
जगतगुरु स्वामी रामभद्राचार्य जी का आना – मेरठ की क्रांतिधरा के लिए यह गर्व की बात
कथा सुनने आई महिलाओं ने कहा उनके लिए यह सौभाग्य की बात है कि स्वामी रामभद्राचार्य जी मेरठ आए हैं. वे कहती हैं, हम काफी समय से व्यवस्था में लगे हैं, लेकिन कथा सुनने का उत्साह इतना है कि एक घंटा पहले ही पहुंच जाते हैं. मन घर पर नहीं लगता, बस यही इच्छा रहती है कि गुरुजी की कथा सुनने जाएं. कथा सुनाने आए लोगों ने आयोजन की व्यवस्था की तारीफ की. उन्होंने कहा, बारिश के बावजूद लोगों को कोई परेशानी नहीं हुई. लकड़ी की फ्लोरिंग और मजबूत वाटरप्रूफ टेंट की व्यवस्था की गई है. मेरठ की क्रांतिधरा के लिए यह गर्व की बात है कि जगतगुरु स्वामी रामभद्राचार्य जी यहां आए हैं.
नगरवासियों की भावना
वही मेरठ के लोगों ने भावुक होकर कहा, स्वामी जी को इतने करीब से देखकर और उनकी कथा सुनकर मन धन्य हो गया. उनकी कथा में इतनी शक्ति है कि मन बार-बार यही चाहता है कि कथा सुनने पहुंच महाराज जी को मंच पर देखकर इतनी खुशी होती है कि शब्दों में बयां नहीं कर सकते. कथा सुनने के बाद मन को अपार सुकून मिलता है. ना चाय चाहिए, ना सोना चाहिए, बस गुरुजी की कथा चाहिए. ऐसा कहना है मेरठ के लोगों का.
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मत लो टेंशन जब भगवन से हो अटेंशन
वही स्वामी जी ने कहा कि तुलसी पीठ की महत्त्व पर टिप्पणियां नहीं करना चाहिए, आक्षेप नहीं लगाना चाहिए, तुलसी पीठ एक प्रामाणिक पीठ है और मैं उसका पारंपरिक अधिकारी हूं रामानंदाचार्य हूं और आपके सामने कथा का वाचन कर रहा हूं. तुलसी पीठ पर कहा कि लोग सवाल करते हैं कि तुलसी पीठ कब बना, मैं कहता हूं तुलसी पीठ बना ही नहीं, रामभद्राचार्य जी ने कहा हमारा चित्रकूट वो स्थान हैं जहां भरत जी को रामचंद्र जी ने अपनी चरण पादुका दी थी. उन्होंने कहा कि ”जिसको मरना है मरो, टेंशन में आकर , मैं टेंशन नहीं करता, और टेंशन कब दूर होगा जब भगवान से हमारा अटेंशन होगा और अटेंशन कब खोजा जब हमारा भगवान से इंटरनल रिलेशन होगा ये कब होगा जब ऐसे आयोजनों में तुम्हारा एडमिशन होगा और ये एडमिशन कब होगा जब ऐसे संतजनों से कमीशन होगा.
उत्तराधिकारी को बताया अच्छा संस्कृत ज्ञाता
उन्होंने कहा कि भगवान राम टू इन वन हैं अवतार भी हैं और अवतारी भी हैं. कहा कि लोग हमसे कहते हैं कि हमारे उत्तराधिकारी क्या संस्कृत बोल पाते हैं तो मैं कहूंगा कि वो उन लोगों से बहुत अच्छी संस्कृत के ज्ञाता हैं। बहुत अच्छा संस्कृत बोल लेते हैं।