China Victory Day Parade: बुधवार को हर साल की तरह इस बार भी चीन की राजधानी बीजिंग में विक्ट्री डे परेड (Victory Day Parade) का भव्य आयोजन किया गया, जिसमें कई देशों के राष्ट्राअध्यक्ष भी शामिल हुए। इनमें रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) , उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन (kim jong un), के अलावा पाक के सीएम शहबाज शरीफ (Shehbaz Sharif), जैसे कई नेता शामिल थे।
विक्ट्री डे परेड में चीन ने दुनिया को अपनी सैन्य ताकत से भी वाकिफ कराया, जिसमें मिसाइलों से लेकर टैंक और फाइटर जैट्स भी शामिल रहे। जानकारों के मुताबिक विक्ट्री परेड चीन के इतिहास और शक्ति का प्रतीक बन चुकी है। चीन की विक्ट्री डे परेड इस वक्त हर तरफ चर्चा का विषय बनी हुई है। ऐसे में आपके मन में ये सवाल जरूर उठ रहा होगा कि चीन (China) आखिर हर साल ये विक्ट्री परेड का आयोजन क्यों करता है? और इसके पीछे का क्या इतिहास है – तो चलिए इस बारे में जान लेते हैं।
विक्ट्री परेड के पीछे का इतिहास
जानकारी के लिए बता दें कि चीन 1945 में द्वितीय विश्व युद्ध (World War II) की समाप्ति पर जापान के आत्मसमर्पण की याद में विक्ट्री डे परेड का आयोजन करता है। चीन हर साल 3 सितंबर को जापान पर विजय दिवस के तौर पर मनाता है। असल में चीन और जापान के बीच 1937 से 1945 तक भीषण युद्ध चला था, जिसे चीन-जापान युद्ध (Sino-Japanese War) कहा भी कहा जाता है। इतिहास की माने तो इस युद्ध में लाखों चीनी नागरिक और सैनिक मारे गए थे।
⚡️Chinese soldiers march in military parade celebrating 80th anniversary of victory over Japan in WW2. 🎥
China showcases nuclear missiles, anti-drone tech, and unmanned fighter jets at Victory Day parade in Beijing. 🎥📸 pic.twitter.com/oeu4tEqugh
— The World War (@TheWorldWar12) September 3, 2025
1937 में जापान ने किया था चीन पर हमला
इस युद्ध की बात करें तो जापान ने वर्ष 1937 में चीन पर हमला किया था। जापानी सेना ने सबसे पहले चीनी शहर नानजिंग (Nanjing) पर हमला किया था, जहाँ एक भयानक नरसंहार (Terrible massacre) किया गया था, जिसे नानजिंग नरसंहार (Nanjing Massacre) भी कहा जाता है। यहाँ लाखों लोग मारे गए थे। इसके अलावा महिलाओं के साथ भी दुर्व्यवहार किया गया था।
दोनों देशों के बीच यह युद्ध लगभग 8 वर्षों तक चला, फिर वर्ष 1945 में जापान के आत्मसमर्पण (Surrender) के बाद इसका अंत हुआ। तभी से इस दिन को यादगार बनाने के लिए चीन में विजय परेड की परंपरा शुरू की गई, ताकि लोगों को उस संघर्ष और बलिदान की याद दिलाई जा सके।
विक्ट्री परेड, दुनिया को अपनी ताकत दिखाने का जरिया
हालाँकि विजय परेड की शुरुआत जापान युद्ध के बाद हुई थी, लेकिन आज के समय में यह चीन की राजनीतिक और सैन्य शक्ति दिखाने का एक बड़ा माध्यम बन गया है।चीन अब इस आयोजन के ज़रिए दुनिया को अपनी ताकत दिखाता है।