Home > उत्तर प्रदेश > Fake medicines: आगरा में नकली दवा माफिआओं पर कड़ी कार्यवाही

Fake medicines: आगरा में नकली दवा माफिआओं पर कड़ी कार्यवाही

Fake medicines: आगरा में नकली दवा माफिआओं पर कड़ी कार्यवाही, 60 करोड़ की दवाएं सीज, और खुल सकती हैं काले कारोबार की परतें

By: Swarnim Suprakash | Published: August 31, 2025 4:45:27 PM IST



आगरा, उत्तर प्रदेश से संजय सिंह की रिपोर्ट 
Fake medicines: उत्तर प्रदेश में ड्रग विभाग ने नकली दवा सिंडिकेट पर अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई की है। विशेष सचिव रेखा एस चौहान ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर खुलासा किया कि चेन्नई और पांडिचेरी से 200 करोड़ की नकली दवाएं खपाई गईं। इस पूरे सिंडिकेट का हॉटस्पॉट आगरा और लखनऊ रहा।

60 करोड़ की दवाएं सीज 

22 अगस्त से आगरा के दवा बाजार में छापेमारी शुरू हुई थी। सबसे पहले हिमांशु अग्रवाल की फर्म हेमा मेडिकल पर कार्रवाई हुई, जहां साढ़े तीन करोड़ की दवाएं जप्त की गईं। वहीं फर्म में भंडारित जांच के लिए 60 करोड़ की दवाएं सीज की गईं और एक करोड़ की रिश्वत देने के आरोप में हिमांशु को जेल भेजा गया। दूसरी बड़ी कार्रवाई राधे मेडिकल एजेंसी पर हुई, जहां 10 करोड़ की दवाएं जांच के लिए जब्त की गईं। वहीं बंसल मेडिकल, एमएसवी मेडि पॉइंट प्रा.लि. और ताज मेडिको पर फर्जी दस्तावेज़ों और कूटरचित अभिलेखों से हेराफेरी का भी खुलासा हुआ।

ओप्रेशन में दो मंडलों के ड्रग असिस्टेंट कमिश्नर, ड्रग इंस्पेक्टर और STF के कुल 35 अधिकारी शामिल

STF और ड्रग विभाग की संयुक्त टीम ने 9 दिन तक लगातार छापेमारी की। करोड़ों की दवाएं जब्त हुईं और 24 अलग-अलग दवाओं के नमूने जांच के लिए कलेक्ट किए गए। कार्रवाई में हिमांशु अग्रवाल, संजय बंसल, मुकेश बंसल और सोहित बंसल को गिरफ्तार किया गया। टीम में दो मंडलों के ड्रग असिस्टेंट कमिश्नर, ड्रग इंस्पेक्टर और STF के कुल 35 अधिकारी शामिल रहे।  

Om Bidla in Puri: संसद भवन में दिखेगी ओडिशा की झलक, जगन्नाथ रथ यात्रा के पवित्र पहिए होंगे स्थापित

जांच में सामने आया कि चेन्नई-पांडिचेरी से नकली दवाओं का जखीरा मंगाया जाता था। लखनऊ की फर्म के नाम पर 10 लाख की दवाओं के बिल बरामद हुआ थे, जबकि असल में 100 डब्बों के बिल पर 1000 बॉक्स नकली दवाएं बनकर फर्जी बिल और फर्जी QR कोड के सहारे दवाएं खपाई जाती थीं।

और खुल सकती हैं काले कारोबार की परतें 

गोवा में लखनऊ की फरार पार्टी की लोकेशन मिली है। जांच में महाराष्ट्र की पांच और आगरा की तीन डमी फर्मों का भी खुलासा हुआ है। आधा दर्जन से ज्यादा नामी कंपनियों की नकली दवाएं – खांसी-जुकाम, मधुमेह, उच्च रक्तचाप और दर्द निवारक दवाओं के नाम पर माफिया बाजार में उतारते थे। इस पूरे मामले में यूनिस, वारिस, फरहान, हिमांशु, विक्की कुमार, सुभाष कुमार और राजा उर्फ एके राणा समेत कई लोगों को नामजद किया गया है। पुलिस ने इसे संगठित सिंडिकेट करार दिया है। अब तक इस मामले में थाना कोतवाली में तीन और एमएम गेट थाने में एक मुकदमा दर्ज हुआ है। दवा बाजार में जांच अभी भी जारी है और माना जा रहा है कि इस काले कारोबार की परतें और खुल सकती हैं।

योगी आदित्यनाथ नहीं, बल्कि यूपी सरकार के इस कैबिनेट मंत्री को CM बनाना चाहते थे अमित शाह!

Advertisement