Russia Ukraine War: अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप लगातार भारत पर रूस-यूक्रेन युद्ध जारी रखने का आरोप लगा रहे हैं। इसके अलावा, रूस से तेल खरीदने पर भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ भी लगाया गया है। हालाँकि, कई लोग ट्रंप के इस तर्क को गलत मानते हैं। कई प्रतिष्ठित अमेरिकी अर्थशास्त्रियों ने भारत पर टैरिफ लगाने के लिए ट्रंप की आलोचना की है।
अब इसी कड़ी में, अमेरिका में रहने वाले यहूदियों के एक समर्थक समूह ने भारत का पक्ष लिया है। उन्होंने साफ कहा है कि रूस-यूक्रेन संकट के लिए भारत जिम्मेदार नहीं है।
‘रूस-यूक्रेन संकट के लिए भारत जिम्मेदार नहीं’
शुक्रवार को, अमेरिका की यहूदी समिति ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा कि वह अमेरिकी अधिकारियों द्वारा भारत पर किए गए मौखिक हमलों से बेहद स्तब्ध और चिंतित है। समूह ने नवारो की टिप्पणी को अपमानजनक आरोप बताया। पोस्ट में आगे कहा गया कि हमें ऊर्जा की जरूरत वाले भारत की रूसी तेल पर निर्भरता पर अफसोस है, लेकिन भारत पुतिन के युद्ध अपराधों के लिए जिम्मेदार नहीं है।
वह एक मित्रवत लोकतांत्रिक देश और अमेरिका का एक महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदार है। महाशक्तियों के बीच प्रतिस्पर्धा में उसकी अहम भूमिका है। पोस्ट में कहा गया कि यह महत्वपूर्ण संबंधों को फिर से स्थापित करने का समय है।
पीटर नवारो ने लगाए थे भारत पर आरोप
आपको बता दें कि ट्रंप के अलावा उनके अधिकारी भी लगातार भारत के खिलाफ बयानबाजी और आरोप लगा रहे हैं। इसी कड़ी में व्हाइट हाउस के व्यापार सलाहकार पीटर नवारो ने रूस-यूक्रेन संकट को मोदी का युद्ध करार देते हुए कहा था कि शांति का रास्ता आंशिक रूप से नई दिल्ली से होकर जाता है।
वह इस बारे में पहले भी काफी कुछ कह चुके हैं और इस बार उन्होंने सीधे तौर पर पीएम पर निशाना साधते हुए कहा कि भारत द्वारा तेल खरीदे जाने की वजह से ही रूस यह युद्ध लड़ पा रहा है।
इतना ही नहीं, नवारो ने भारत को रूस का बैंक बताया। और आगे कहा कि भारत रूस से तेल ले रहा है, उसे रिफाइन कर रहा है और ऊंची कीमत पर बेच रहा है। इस पूरी प्रक्रिया से रूस को फायदा हो रहा है।