मनीष मेहता की रिपोर्ट, Jharkhand News: झारखंड की घाटशिला विधानसभा सीट पर नवंबर में उपचुनाव होने की संभावना जताई जा रही है। राज्य निर्वाचन कार्यालय ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। माना जा रहा है कि यह उपचुनाव बिहार विधानसभा चुनाव के साथ कराया जा सकता है। चुनाव आयोग ने 1 जुलाई 2025 तक 18 वर्ष की आयु पूरी कर चुके युवाओं के नाम मतदाता सूची में शामिल करने का निर्देश दिया है।
क्यों हो रहा है उपचुनाव?
शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन के निधन के बाद घाटशिला सीट खाली हो गई थी। नियमों के अनुसार छह महीने के भीतर उपचुनाव कराना अनिवार्य है। ऐसे में नवंबर माह में चुनाव कराए जाने की पूरी संभावना है। मतदाता सूची के पुनरीक्षण का काम तेजी से चल रहा है। 2 सितंबर को प्रारूप मतदाता सूची प्रकाशित की जाएगी। इसके बाद 17 सितंबर तक दावे और आपत्तियां दर्ज की जा सकेंगी। अंतिम मतदाता सूची 29 सितंबर को प्रकाशित होगी। इसके साथ ही 1200 से अधिक मतदाताओं वाले पोलिंग बूथ का पुनर्संयोजन भी किया जा रहा है।
राजनीतिक मुकाबला होगा दिलचस्प
घाटशिला सीट पर मुकाबला बेहद रोचक रहने वाला है। रामदास सोरेन ने यहां से पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन के पुत्र बाबूलाल सोरेन को हराया था। अब उनके निधन के बाद झामुमो और भाजपा के बीच सीधा संघर्ष होने की संभावना है। मौजूदा सरकार बनने के बाद यह पहला उपचुनाव होगा, लिहाजा दोनों ही दलों के लिए यह प्रतिष्ठा की लड़ाई मानी जा रही है। झामुमो इस सीट को हर हाल में अपने पास रखना चाहेगी, जबकि भाजपा पिछली हार का हिसाब बराबर करने की कोशिश करेगी। ऐसे में यह उपचुनाव केवल घाटशिला की राजनीति तक सीमित न रहकर पूरे राज्य के लिए सियासी संदेश देने वाला साबित हो सकता है। सभी की निगाहें अब नवंबर पर टिकी हैं, जब बिहार विधानसभा चुनाव के साथ-साथ घाटशिला में भी जनता अपने प्रतिनिधि का चुनाव करेगी।
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