Home > उत्तर प्रदेश > Kailash Mansarovar Yatra News, Ghaziabad: कैलाश मानसरोवर यात्रा 2025 का सफल समापन, श्रद्धालुओं का हुआ सम्मान

Kailash Mansarovar Yatra News, Ghaziabad: कैलाश मानसरोवर यात्रा 2025 का सफल समापन, श्रद्धालुओं का हुआ सम्मान

Kailash Mansarovar Yatra 2025: पाँच साल के लंबे इंतजार के बाद इस बार आयोजित की गई कैलाश मानसरोवर यात्रा 2025 का सफल समापन रविवार, 24 अगस्त को हुआ। अंतिम जत्थे के 48 तीर्थयात्री भी सुरक्षित लौट आए, जिसके बाद गाजियाबाद के इंदिरापुरम स्थित कैलाश मानसरोवर भवन में एक भव्य सम्मान समारोह आयोजित किया गया।

By: Srishti Sharma | Published: August 26, 2025 12:46:47 PM IST



अनिल चौधरी की रिपोर्ट, Kailash Mansarovar Yatra 2025: पाँच साल के लंबे इंतजार के बाद इस बार आयोजित की गई कैलाश मानसरोवर यात्रा 2025 का सफल समापन रविवार, 24 अगस्त को हुआ। अंतिम जत्थे के 48 तीर्थयात्री भी सुरक्षित लौट आए, जिसके बाद गाजियाबाद के इंदिरापुरम स्थित कैलाश मानसरोवर भवन में एक भव्य सम्मान समारोह आयोजित किया गया। इसमें इस साल यात्रा पूरी करने वाले तीर्थयात्रियों के साथ-साथ पूर्व में यात्रा कर चुके श्रद्धालुओं को भी सम्मानित किया गया।

30 जून को हुई थी यात्रा की शुरुआत 

इस वर्ष यात्रा की शुरुआत 30 जून 2025 को हुई थी, जिसमें कुल 720 श्रद्धालुओं ने भाग लिया। सभी यात्रियों ने इस कठिन और चुनौतीपूर्ण यात्रा को सफलतापूर्वक पूरा किया। समारोह में पहुंचे सैकड़ों श्रद्धालुओं ने यात्रा के अपने अनुभव साझा किए। यात्रा लगभग 22 दिनों तक चली, जिसमें 14 दिन भारत की सीमाओं के भीतर और 8 दिन तिब्बत में बिताए गए। इस दौरान श्रद्धालुओं ने ऊंचाई वाले दुर्गम इलाकों, बदलते मौसम और कठिन चढ़ाई का सामना किया। 

मरते-मरते Nikki ने कहा कुछ ऐसा, खुल गए बहन के सारे पत्ते? Vipin Bhati के पड़ोसियों का आंखों देखा मंजर

सरकार ने की यात्रा को  सुगम बनाने के लिए विशेष व्यवस्थाएँ

यह यात्रा उत्तराखंड के लिपुलेख दर्रे और सिक्किम के नाथुला दर्रे—दोनों मार्गों से कराई गई। कैलाश पर्वत को हिंदू आस्था में भगवान शिव का निवास स्थान माना जाता है। यही वजह है कि इस यात्रा का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व अत्यधिक है। श्रद्धालुओं का मानना है कि 19,500 फीट की ऊंचाई पर स्थित इस मार्ग में कठिनाइयाँ जरूर हैं, लेकिन भगवान शिव की आस्था और विश्वास इस यात्रा को आसान और यादगार बना देते हैं। कार्यक्रम में मौजूद कैलाश मानसरोवर भवन, गाजियाबाद के मैनेजर और उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग से जुड़े दिनेश चंद गर्ग ने कहा कि सरकार और प्रशासन ने इस बार यात्रा को सुगम बनाने के लिए विशेष व्यवस्थाएँ की थीं। 

यात्रा की तैयारी महीनों पहले शुरू करनी पड़ती है

बेहतर सुविधाओं और सुरक्षा इंतज़ामों ने श्रद्धालुओं का उत्साह और बढ़ा दिया। यात्रियों ने बताया कि इस यात्रा की तैयारी महीनों पहले शुरू करनी पड़ती है। कठिन मौसम, ऊबड़-खाबड़ रास्ते और ऊंचाई की चुनौतियों के लिए उन्हें पहले से अभ्यास कराना होता है। कई यात्रियों ने कहा कि भले ही यात्रा शुरू में कठिन प्रतीत होती है, लेकिन भगवान शिव की कृपा और अटूट विश्वास इसे यादगार बना देते हैं। कुल मिलाकर, कैलाश मानसरोवर यात्रा 2025 श्रद्धालुओं के लिए आस्था, साहस और आध्यात्मिक अनुभव का अद्भुत संगम बनकर सामने आई।

Podapadar Village News, Odisha: सड़क न होने से एंबुलेंस तक नहीं पहुंच पाई महिला, आधे रास्ते में दिया बच्चे को जन्म

Advertisement