Bihar News: बिहार के पूर्वी चम्पारण से एक हैरान और परेशान कर देने वाला मामला सामने आया है। इस जिले के ढाका नगर परिषद में एक महिला को डॉक्टर की लापरवाही की कीमत अपनी जान देकर चुकानी पड़ी है। आपको बता दें कि ऑपरेशन के दौरान पेट में तौलिया छूट जाने से 14 महीने के इलाज के बाद एक महिला की मौत हो गई।
मामला पूर्वी चम्पारण के ढाका नगर परिषद के पिपरा वाजिद गाँव का है जहाँ के निवासी अमरेन सिंह की पत्नी उषा देवी की गुरुवार रात ढाका अनुमंडलीय अस्पताल में मौत हो गई। अस्पताल प्रबंधन की सूचना पर पहुँची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल मोतिहारी भेज दिया।
इस घटना के बाद परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। मृतका के पति अमरेन सिंह ने बताया कि उनकी पत्नी उषा गर्भवती थी। उसे इलाज के लिए ढाका आज़ाद चौक स्थित नीडो अस्पताल लाया गया, जहाँ उसका ऑपरेशन हुआ। लगभग एक महीने बाद, उषा की तबीयत बिगड़ने लगी।
सीटी स्कैन में पता चली ये लापरवाही
पीड़ित महिला उषा को इलाज के लिए ढाका, मोतिहारी, पटना, दिल्ली, मुंबई समेत कई जगहों पर ले जाया गया। मुंबई के डॉक्टर ने जब सीटी स्कैन किया, तो पता चला कि उसके पेट में तौलिया है। मामला स्पष्ट होने के बाद पीड़ित पक्ष न्याय के लिए दौड़-भाग करने लगा। अब इस मामले में मृतका के पति अमरेन के बयान पर ढाका थाने में प्राथमिकी दर्ज कर मामले की जाँच शुरू कर दी गई।
मामला उजागर होने के बाद डीएम सौरभ जोरवाल के निर्देश पर जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा अनुमंडल स्तर पर गठित जाँच दल ने मामले की जाँच की। जाँच के दौरान डॉक्टर द्वारा मानक के अनुसार सर्जरी न करने की रिपोर्ट भी दी गई।
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जिसके बाद डीएम के निर्देश पर 17 अगस्त को एसडीओ साकेत कुमार के नेतृत्व में की गई कार्रवाई में नीडो अस्पताल को सील कर दिया गया। साथ ही, आरोपी डॉ. बुसरा को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। वहीँ थाना प्रभारी राजरूप राय ने बताया कि शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।
यह मामला बेहद ही संवेदनशील है एक ओर जहाँ डॉक्टर को धरती का भगवान माना जाता है वहीँ दुसरी ओर ऐसी घटनाएं लोगो को परेशान करने वाली है।