आकाश प्रधान की रिपोर्ट, Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ राज्य में प्राकृतिक सौंदर्य और रहस्यमयी स्थलों की भरमार है। ऐसा ही एक अद्भुत और रहस्यमयी स्थल सरगुजा जिले के अंतर्गत आता है। जिला मुख्यालय अंबिकापुर से मात्र 15 किलोमीटर दूर स्थित ग्राम छिंदकालों में “टिनटिनी पत्थर” नामक एक विशेष पत्थर लोगों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।
अनोखे पत्थर
इस अनोखे पत्थर की खासियत यह है कि इसे हल्के से चोट मारने पर इससे विभिन्न धातुओं जैसे कि कांसा, पीतल या लोहे जैसी आवाजें निकलती हैं। यही कारण है कि इसे “टिनटिनी पत्थर” कहा जाता है। यह अद्भुत गुण इस पत्थर को न केवल क्षेत्रीय स्तर पर, बल्कि राज्यभर में भी प्रसिद्ध बनाता है। हालांकि राजस्व रिकॉर्ड के अनुसार यह स्थान ग्राम छिंदकालों की सीमा में आता है, लेकिन इसे टिनटिनी पत्थर के नाम से जाना और पहचाना जाता है। यह स्थल स्थानीय निवासियों, पर्यटकों और शोधकर्ताओं के लिए कौतूहल का विषय बना हुआ है।
वैज्ञानिक भी हैरान
टिनटिनी पत्थर को लेकर कई विद्वानों और वैज्ञानिकों ने अध्ययन किया है, परंतु अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि इसमें ऐसी ध्वनि उत्पन्न करने वाला तत्व कौन-सा है। इसकी संरचना, खनिज तत्व, और ध्वनि उत्पन्न करने की क्षमता को लेकर अलग-अलग मत प्रस्तुत किए जाते हैं। कोई इसे प्राचीन ध्वनि विज्ञान से जोड़ता है, तो कोई इसे खनिज संरचना का अद्भुत उदाहरण मानता है।
एक ऐसा पत्थर, जो चुप नहीं, बल्कि बोलता है
यह स्थान धार्मिक, ऐतिहासिक या वैज्ञानिक दृष्टिकोण से कोई भी हो, परंतु इसमें कोई संदेह नहीं कि टिनटिनी पत्थर सरगुजा जिले की सांस्कृतिक धरोहर का हिस्सा बन चुका है। यदि सही ढंग से इसका प्रचार-प्रसार किया जाए, तो यह स्थल छत्तीसगढ़ पर्यटन मानचित्र पर एक प्रमुख आकर्षण के रूप में उभर सकता है। सरगुजा का यह रहस्य आज भी अनसुलझा है, और यही इसकी सबसे बड़ी विशेषता है – एक ऐसा पत्थर, जो चुप नहीं, बल्कि बोलता है।