ओड़िशा से अक्षय महाराणा की रिपोर्ट: गंजाम जिले के धराकोट ब्लॉक में बुधवार को एक आवारा पागल कुत्ते ने आतंक मचा दिया। सुबह से ही यह कुत्ता इधर-उधर घूमते हुए राहगीरों और ग्रामीणों पर हमला कर रहा था। जानकारी के अनुसार, धराकोट के कुशराब, लक्ष्मीपुर और बरुगुड़ा गाँव में इस कुत्ते ने कई लोगों को काट लिया। अचानक हुए इस हमले में कुल 13 लोगों की घायल होने की सूचना है। सूत्रों के मुताबिक कुशराव गांव के सात, बारीगुडा गांव के चार और लक्ष्मीपुर गांव के दो व्यक्ति को आवारा पागल कुत्ते ने काट लिया है।
घटना के बाद स्थानीय लोग तुरंत हुए सक्रिय
मिली जानकारी के अनुसार , घटना के बाद स्थानीय लोग तुरंत सक्रिय हुए और घायलों को आसिका उप खंड अस्पताल पहुँचाया गया। गंजाम के CDMO ने बताया कि 13 लोगों को आवारा पागल कुत्ते ने काट लिया है। सभी लोगों को एंटी रेबीज़ इन्जेक्शन दिया गया और इलाज शुरू कर दिया गया है । उस में से एक ब्यक्ति को बेहतरीन इलाज के लिए ब्रह्मपुर (MKCG) जिला अस्पताल भेज दिया गया। ग्रामीणों के अनुसार, यह कुत्ता पिछले दो दिनों से गाँव के आस-पास घूमता दिखाई दे रहा था, लेकिन आज सुबह अचानक आक्रामक हो गया और जिस किसी को रास्ते में पाया, उसे काटने लगा।
पालतू जानवर भी पागल कुत्ते का शिकार बने
केवल इंसान ही नहीं बल्कि कई पालतू जानवर भी इस पागल कुत्ते का शिकार बने। गाँव में बकरियाँ और गायों को भी उसने काटा। इससे पूरे इलाके में डर का माहौल फैल गया। लोग घरों से बाहर निकलने से घबराने लगे और गाँव पूरी तरह दहशत में आ गया।
ग्रामीणों में भय का माहौल
मिली जानकारी के अनुसार स्थिति को काबू करने के लिए ग्रामीणों ने मिलकर प्रयास किया। कुसुराब गाँव के कुछ युवकों ने लकड़ी और जाल की मदद से कुत्ते को घेर लिया। लंबे समय तक मशक्कत के बाद आखिरकार उन्होंने उस कुत्ते को मार गिराया। इससे ग्रामीणों को थोड़ी राहत मिली, लेकिन मिली जानकारी के अनुसार। ग्रामीणों का कहना है कि अगर प्रशासन पहले से सतर्क होता और आवारा कुत्तों को पकड़ने की कार्रवाई की जाती, तो इतनी बड़ी घटना नहीं होती। अब लोग जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग से मांग कर रहे हैं कि प्रभावित गाँवों में तुरंत मेडिकल कैंप लगाया जाए ताकि सभी घायलों को उचित इलाज मिल सके और आगे संक्रमण का खतरा न रहे।
घायलों को निगरानी में रखा गया है
विशेषज्ञों का कहना है कि कुत्ते के व्यवहार से यह मामला रेबीज़ संक्रमण का हो सकता है, इसलिए गाँव के लोगों और जानवरों की पूरी मेडिकल जांच ज़रूरी है। फिलहाल घायलों की स्थिति स्थिर बताई जा रही है, लेकिन उन्हें निगरानी में रखा गया है।इस घटना ने एक बार फिर ग्रामीण क्षेत्रों में आवारा कुत्तों की समस्या को उजागर कर दिया है। लोग प्रशासन से उम्मीद कर रहे हैं कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।