विनोद कुमार की रिपोर्ट, Chhattisgarh News: मोहला-मानपुर के नवीन तहसील खड़गांव अंतर्गत ग्राम कोसमी से ताड़ो और अड़जाल को जोड़ने वाला प्रमुख मार्ग आज भी बदहाल स्थिति में है। यह सड़क प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अंतर्गत आती है, यहां पुलिया नहीं होने की वजह से बरसात के दिनों में बाढ़ का पानी बहने से नदी को पार करना काफी मुश्किल होता है, ग्रामीण जान जोखिम में डालकर नदी को पार करते है। क्या प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना से सड़क निर्माण हुआ तो पुलिया का स्टीमेट भेजा गया होगा या नहीं ?
ग्रामीणों की पीड़ा
- बरसात में पूरा इलाका पानी से भर जाता है।
- मरीजों को अस्पताल तक ले जाना बेहद मुश्किल हो जाता है।
- बच्चों की पढ़ाई और रोजमर्रा का आना-जाना भी संकट में पड़ जाता है।
- खदानों से राजस्व, पर विकास से वंचित
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जनता का आरोप
ग्रामीणों का कहना है कि दो बार विधायक रहे इंद्रशाह मंडावी ने भी पुलिया जैसे गंभीर समस्या पर कभी गंभीरता नहीं दिखाई। चुनाव आते ही नेताओं के वादे बड़े-बड़े होते हैं, लेकिन जीतने के बाद क्षेत्र की सुध लेने कोई नहीं आता। इस इलाके में कई खदानें मौजूद हैं, जिनसे शासन को करोड़ों का राजस्व मिलता है। बावजूद इसके यहां के मूलनिवासी, विशेषकर आदिवासी समाज, सड़क, स्वास्थ्य और मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं।
सरकार के दावों की पोल खुली
ग्रामीणों ने कटाक्ष करते हुए कहा कि सरकार विकास के नाम पर सिर्फ कागजों में आंकड़े गढ़ रही है। जिले में कई ऐसी जगहों पर पुल-पुलिया का निर्माण कराया जा रहा है जहां उसकी कोई प्राथमिकता नहीं है। ग्राम ताड़ो, जंगलटोला, सोरीटोला, जाड़े टोला जैसे इलाकों में पुल-पुलिया की सख्त जरूरत है, लेकिन यहां उपेक्षा की जा रही है दूसरी ओर कांडे जैसे गांवों में बिना जरूरत पुल-पुलिया बना दिए जा रहे हैं, ताकि ठेकेदारों और अधिकारियों की जेब भरी जा सके। ग्रामीणों का साफ कहना है कि यह सरकार के लिए किसी तमाचे से कम नहीं है कि जहां जनता जीवन-मरण की जद्दोजहद कर रही है, वहां विकास के नाम पर सिर्फ भ्रष्टाचार और राजनीतिक दिखावा ही हो रहा है।