जोगेन्दर कुमार की रिपोर्ट, Haryana News: हरियाणा का एकमात्र सरकारी बाबा खेतानाथ आयुर्वैदिक मेडिकल कॉलेज नारनौल के गांव पटीकरा में बना है। यह आयुर्वैदिक मेडिकल कॉलेज हरियाणा में एकमात्र है, लंबे समय के बाद सरकार ने इसे शुरू तो कर दिया, लेकिन अब इस कॉलेज में छात्र-छात्राओं के लिए 100 सीटों की बजाय मात्र 63 सीटें हैं, जिसके चलते आवाज उठने लगी है कि सरकार इस मेडिकल कॉलेज में 100 सीटों का प्रावधान करें।
आयुर्वेदिक डॉक्टर के लिए 63 सीटें निर्धारित करी गई है
नारनौल के साथ गांव पटीकरा में आयुर्वैदिक मेडिकल कॉलेज के लिए लंबे समय से बिल्डिंग बनकर तैयार थी और कई सालों के इंतजार के बाद इसे शुरू किया गया। इस आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज में प्रथम चरण में सरकार ने 100 सीटें निर्धारित की थी, उसके बाद इसे घटाकर 70 सीटें कर दी गई और बीते वर्ष मात्र 30 सीटें यहां पर निर्धारित की गई। वर्ष 2025 में सरकार ने एक बार फिर से इसमें 33 सीटों का इजाफा करते हुए, 63 सीटें आयुर्वेदिक डॉक्टर के लिए निर्धारित की है।
व्यवस्थाओं को लेकर सरकार ने सराहनीय काम किया गया
अब मांग उठने लगी है कि यहां पर सरकार द्वारा सभी व्यवस्थाएं बहुत अच्छी की गई है, टीचिंग स्टाफ के साथ-साथ अन्य उपकरणों की भी यहां कोई कमी नहीं है। ऐसे में नारनौल के आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज में सरकार द्वारा 100 सीटें निर्धारित की जाए, जिससे कि ऐसे में गरीब बच्चों का भी यहां दाखिला हो सके, जो प्राइवेट मेडिकल कॉलेज में पैसे के अभाव को लेकर पढ़ाई नहीं कर सकते। इस मेडिकल कॉलेज में अपनी पढ़ाई कर रहे छात्र-छात्राओं का भी यही कहना है कि यहां की व्यवस्थाओं को लेकर सरकार ने सराहनीय काम किया है। पूरा स्टाफ है और सरकार नारनौल के इस आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज में 100 सीटें निर्धारित करें ताकि अन्य बच्चों का भी दाखिला हो सके।
पर्याप्त मात्रा में प्रोफेसर नहीं
बाबा खेतानाथ आयुर्वैदिक मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉक्टर श्रीनिवास के अनुसार इस आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज की शुरुआत 2022 में की गई थी, प्रथम चरण में यहां पर 100 सीटें निर्धारित की गई। उसके बाद 2023 में इसे घटाकर कर 70 सीटें कर दिया गया और 2024 में मात्र 30 सीटें यहां पर निर्धारित की गई इस बार 2025 के लिए सरकार ने 33 सीटों का इजाफा करते हुए 63 सीटें निर्धारित की है। बीएएमएस आयुर्वैदिक सीटों का घटाने का कारण प्रिंसिपल श्रीनिवास मानते हैं कि यहां पर पर्याप्त मात्रा में प्रोफेसर नहीं है, जहां 14 प्रोफेसर की जरूरत पड़ती है, उस स्थिति में मात्र दो प्रोफेसर हैं। इसके अलावा भी अन्य पदों पर काफी स्टाफ की कमी है, जिसके कारण इन सीटों को घटाया गया। हालांकि उन्होंने माना की इन सीटों को भरने के लिए सरकार ने वैकेंसी निकाली हुई है और उम्मीद है कि जल्द ही इन सीटों पर नियुक्ति हो जाएगी।