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अजा एकादशी व्रत कथा
Aja Ekadashi Vrat Katha 2025: 19 अगस्त 2025 को यानी आज अजा एकादशी मनाई जा रही है। यह भादो मास की पहली एकादशी है। इसके अलावा इसे भाद्रपद कृष्ण एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन व्रत रखने से भगवान विष्णु संग माता लक्ष्मी का आशिर्वाद भी प्राप्त है। इस दिन व्रत रखने से सभी पापों का नाश कर पुण्य प्रदान करने के लिए अजा एकादशी के लिए बेहतर माना जाता है।
अजा एकादशी का व्रत का महत्व
मान्यता के अनुसार, जो व्यक्ति अजा एकादशी का व्रत रखता है, उसे व्रत कथा का पाठ या फिर उसे सुनना जरूर चाहिए। व्रत कथा का पाठ करने से अजा एकादशी का व्रत अधूरा रह जाता है। धर्म शास्त्रों के मुताबिक, अजा एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित होता है। इस व्रत को करने से विष्णु जी जल्द प्रसन्न हो जाते हैं। एकादशी व्रतों में इसे सबसे महत्वपूर्ण और सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। मान्यता के मुताबिक, व्रत को करने से मनुष्य के सभी पाप खत्म हो जाते हैं। उन सभी को मोक्ष की प्राप्ती होती है। इसके साथ ही अजा एकादशी का व्रत रखने से धन, संपत्ति, सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
अजा एकादशी व्रत कथा
बता दें कि अजा एकादशी की कथा प्रभू राम के पूर्वज, सत्यवादी राजा हरिश्चंद्र से जुड़ी हुई है। मान्यता के मुताबिक, राजा हरिश्चंद्र ने अपनी सत्यता और वचन का पालन करने के लिए राज्य, पत्नी और पुत्र को त्याग कर चांडाल के सेवक बन गए थे। राजा हरिश्चंद्र ने गौतम ऋषि के कहने पर इस व्रत को रखा था। जिससे उनके सभी पापों का नाश हो गया था। इसके साथ ही उन्होंने जो खोया था, वो वापस मिल गया था।
अजा एकादशी व्रत के नियम
- दशमी तिथि से करें ब्रह्मचर्य का पालन
- रात्रि में जागरण और मंत्रों का जाप
- चावल का सेवन ना करें
- व्रत कथा का पाठ करें
- तुलसी के पत्ते को बिल्कुल ना तोड़ें
Disclaimer: इस आलेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है। पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। इन खबर इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।