Home > देश > ‘अंग नोंच नोचकर खाते थे दरिंदे’ प्यार का लालच देकर मेहबूब ने ही धकेला जिस्म के मेले में,  दिल्ली के GB रोड में फंसी लड़की की कहानी सुन निकलेंगी चीखें

‘अंग नोंच नोचकर खाते थे दरिंदे’ प्यार का लालच देकर मेहबूब ने ही धकेला जिस्म के मेले में,  दिल्ली के GB रोड में फंसी लड़की की कहानी सुन निकलेंगी चीखें

Delhi GB Road Story: दिल्ली की वो बदनाम गलियां जहाँ हजारों लड़कियां इस घिनौने दलदल में आज भी फंसी हुई हैं। वहीँ आज हम आपको एक ऐसी महिला की कहानी बताने जा रहे हैं जो इस दलदल में फंसी थी।

By: Heena Khan | Published: August 18, 2025 10:00:10 AM IST



Delhi GB Road Story: दिल्ली की वो बदनाम गलियां जहाँ हजारों लड़कियां इस घिनौने दलदल में आज भी फंसी हुई हैं। वहीँ आज हम आपको एक ऐसी महिला की कहानी बताने जा रहे हैं जो इस दलदल में फंसी थी। दरअसल, दिल्ली के जीबी रोड रेड लाइट एरिया में जबरन वेश्यावृत्ति में धकेली जा रही एक महिला को पुलिस की अपराध शाखा ने मुक्त करा लिया था। बताया जा रहा है कि पीड़िता को पश्चिम बंगाल से बहला-फुसलाकर दिल्ली लाया गया था। इतना ही नहीं इस दौरान उसे धोखे से एक वेश्यालय में बेच दिया गया था। फिर किसी तरह इस महिला को पुलिस ने गुप्त तरीके से आजाद करवाया।

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प्यार में फंसाकर पहुँचाया रेड लाइट एरिया 

वहीँ इस दौरान एक पुलिस अधिकारी ने बयान दिया था और कहा था कि पीड़िता पाँचवीं कक्षा तक पढ़ी है। वो छह भाई-बहनों में सबसे छोटी थी। ये मासूम एक गरीब परिवार से ताल्लुक रखती है। वहीँ बताया जा रहा है कि इस महिला की शादी दिल्ली पहुंचे से 5 साल पहले हुई थी। लेकिन एक साल पहले उसके पति ने उसे तलाक दे दिया। तब से वो घरों में नौकरानी का काम कर रही थी। इसी साल जनवरी में एक आदमी उससे मिला। उसने पहले उसे प्यार के जाल में फंसाया फिर नौकरी का झांसा देकर दिल्ली ले आया। यहाँ लाकर उसने उसे दिल्ली के रेड लाइट एरिया में धकेल दिया।

इस तरह निकाला चंगुल से 

इतना ही नहीं वहीँ जैसे ही ये लड़की दिल्ली की गलियों में पहुंची, वैसे ही पीड़िता का फ़ोन छीन लिया गया और उसे गलत काम में डाल दिया गया। इस दौरान उसका अपने परिवार से संपर्क टूट गया। लगभग 10 दिन पहले, किसी तरह उसने अपने भाई से संपर्क किया। उसने उसे अपनी आपबीती सुनाई। उसके भाई ने एक गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) की मदद से राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से संपर्क किया। इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई। एक गुप्त सूचना के आधार पर, पुलिस ने बचाव अभियान शुरू किया। और उस इलाके में छापेमारी की गई जहाँ वो फंसी थी।

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