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देश के सामने नाक रगड़ेंगे Rahul Gandhi! चुनाव आयोग ने Congress के शहजादे के सामने रखी ये शर्त- ‘7 दिन में हलफनामा दें या…’

ECI Response to Rahul Gandhi Voting Fraud: मुख्य चुनाव आयुक्त ने राहुल गांधी पर कटाक्ष करते हुए दो टूक कहा, "हलफनामा देना होगा या देश से माफ़ी मांगनी होगी। कोई तीसरा विकल्प नहीं है। अगर सात दिनों में हलफनामा नहीं मिला, तो इसका मतलब होगा कि ये सभी आरोप निराधार हैं।"

By: Ashish Rai | Published: August 17, 2025 5:52:40 PM IST



ECI Response to Rahul Gandhi Voting Fraud: चुनाव आयोग ने रविवार (17 अगस्त 2025) को लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी द्वारा लगाए गए वोट चोरी के आरोपों और प्रेस कॉन्फ्रेंस का दो टूक जवाब दिया। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा, “अगर कोई यह सोचता है कि पीपीटी देकर, जो चुनाव आयोग के आंकड़े नहीं हैं, गलत आंकड़े देकर और यह कहकर कि इस मतदान अधिकारी ने कहा है कि इस महिला ने दो बार मतदान किया है, चुनाव आयोग को बिना हलफनामे के ऐसे गंभीर मुद्दों पर काम नहीं करना चाहिए।”

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‘सबूत देब वरना देश से मांगे माफी’

मुख्य चुनाव आयुक्त ने राहुल गांधी पर कटाक्ष करते हुए दो टूक कहा, “हलफनामा देना होगा या देश से माफ़ी मांगनी होगी। कोई तीसरा विकल्प नहीं है। अगर सात दिनों में हलफनामा नहीं मिला, तो इसका मतलब होगा कि ये सभी आरोप निराधार हैं।” उन्होंने कहा, “किसी भी योग्य मतदाता का नाम बिना किसी सबूत के नहीं हटाया जाएगा। चुनाव आयोग हर वोटर के साथ चट्टान की तरह खड़ा है।” 

मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा, “सबसे बड़ी मतदाता सूची, चुनाव कर्मियों की सबसे बड़ी फ़ौज, सबसे ज़्यादा वोट देने वाले लोग और पूरी मीडिया के सामने यह कहना कि अगर आपका नाम एक बार फिर मतदाता सूची में है, तो आपने ज़रूर दो बार मतदान किया होगा और क़ानूनी अपराध किया होगा। इतने सारे आरोपों के बाद चुनाव आयोग का चुप रहना संभव नहीं है। उन्हें या तो हलफ़नामा देना होगा या देश से माफ़ी मांगनी होगी।”

एसआईआर का उद्देश्य मतदाता सूची का शुद्धिकरण है – चुनाव आयोग

उन्होंने कहा, “पिछले 20 सालों में एसआईआर नहीं किया गया है। इसका मुख्य मकसद वोटर लिस्ट का शुद्धिकरण करना है। राजनीतिक दलों से कई शिकायतें मिलने के बाद एसआईआर किया जा रहा है। बिहार में 22 लाख मृत मतदाताओं की मृत्यु पिछले छह महीनों में नहीं, बल्कि पिछले कई वर्षों में हुई है, हालाँकि यह रिकॉर्ड में दर्ज नहीं है। जब चुनाव की सभी उचित प्रक्रियाओं का पालन किया गया और कोई चुनाव याचिका दायर नहीं की गई, तो फिर वोट चोरी के आरोप क्यों लगाए जा रहे हैं।”

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