राम मेहता की बारां से रिपोर्ट: बारां जिले के कई सरकारी स्कूलों की हालत बदहाल है, कुछ स्कूलों में भवन जर्जर हो चुके हैं, दीवारों और छतों में दरारें आ गई हैं और कुछ स्कूलों में तो लैब कक्षा भी गिर गयी है। जिला मुख्यालय के एक स्कूल का भवन 1915 से बना हुआ है और कई स्थानों से जर्जर हो चुका है. बारिश के कारण एक स्कूल की लैब कक्षा की छत भी गिर गई है हालांकि किसी के हताहत होने की खबर नहीं है।
बारां जिले के कई सरकारी स्कूलों की स्थिति दयनीय
बारां जिले के कई सरकारी स्कूलों की स्थिति दयनीय है, खासकर पुराने भवनों में। उदाहरण के लिए, जिला मुख्यालय के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय की हालत बहुत खराब है, भवन कई जगह से जर्जर हो चुके हैं और छतें टपक रही हैं। स्कूल के मुख्य हॉल को भी बंद कर दिया गया है, क्योंकि यह भी जर्जर स्थिति में हैं। इसके अलावा, पंचायत समिति क्षेत्र के बावनमाता की झोपडिय़ां गांव में भी एक स्कूल की छत जर्जर है।
हाल ही में, एक स्कूल की लैब कक्षा की छत बारिश के कारण गिर गई जिससे स्कूल में हड़कंप मच गया। गनीमत रही कि उस समय कोई भी कमरे में मौजूद नहीं था, जिससे कोई जनहानि नहीं हुई. इस घटना के बाद, प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे जहाँ उन्हें स्कूल का जर्जर भवन मिला.संदेह है कि यह स्थिति बारां जिले के कई अन्य स्कूलों की भी हो सकती है, जहां भवन जर्जर हो चुके हैं और छात्रों के लिए सुरक्षा का खतरा पैदा हो गया है। जिला प्रशासन को इन स्कूलों की हालत सुधारने के लिए तत्काल कदम उठाने की आवश्यकता है।
स्कूल भवनों की मरम्मत के लिए करीब 4.17 करोड़ की राशि आवंटित की गई
बारां जिले के 36 स्कूलों की 4.17 करोड़ रुपए से होगी मरम्मत यह स्वीकृत यह राशि सिर्फ स्कूलों की मरम्मत और जीर्णोद्धार पर ही खर्च की जाएगी। किसी अन्य मद में इस राशि का उपयोग नहीं किया जा सकेगा।
झालावाड़ जिले के पिपलोदी स्कूल की घटना के बाद राज्य सरकार ने घटना के महज चार दिन बाद ही प्रदेश भर के जर्जर स्कूल भवनों की मरम्मत के लिए 169 करोड़ रुपए से अधिक की राशि स्वीकृत कर दी। समग्र शिक्षा अभियान के तहत 1936 स्कूलों को चिन्हित कर मरम्मत कार्य जल्द शुरू करने के निर्देश जारी किए गए है। इसके तहत बारां जिले के 36 स्कूल भवनों की मरम्मत के लिए करीब 4.17 करोड़ की राशि आवंटित की गई है। अधिकारियों का कहना है कि अब कार्य में कोई देरी नहीं की जाएगी और भुगतान भी मरम्मत की गुणवत्ता सुनिश्चित होने के बाद ही किया जाएगा।
समग्र शिक्षा निदेशालय के अनुसार राशि जारी की गई
सरकार के द्वारा यह स्वीकृति दी गयी है कि यह राशि सिर्फ स्कूलों की मरम्मत और जीर्णोद्धार पर ही खर्च की जाएगी। किसी अन्य मद में इस राशि का उपयोग नहीं किया जा सकेगा। ठेकेदार को भुगतान भी तभी होगा जब मरम्मत कार्य का पूर्णता प्रमाण पत्र जमा किया जाएगा। समग्र शिक्षा निदेशालय के अनुसार यह राशि सर्वे के आधार पर जारी की गई है। बरसों से मरम्मत की राह देख रहे जर्जर स्कूलों की मरम्मत के लिए प्रति स्कूल मरम्मत के लिए 10 लाख से 18 लाख रुपए तक की राशि स्वीकृत की गई है।
हरिचन्द प्रजापति, एडीपीसी, समग्र शिक्षा अभियान, बारां का कहना है की
“बारां जिले के 36 स्कूलों के लिए वित्तीय स्वीकृति जारी की है। राज्य सरकार से एनआईटी जारी होने के बाद नियमानुसार मरम्मत कार्य शुरु करवाया जाएगा।”
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