Independence Day 2025: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 79वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर पर पीएम मोदी ने ध्वजारोहण किया। सेना की टुकड़ी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गार्ड ऑफ ऑनर दिया। वह राष्ट्र के नाम अपना लगातार 12वाँ संबोधन कर रहे हैं। लाल किले से अपने संबोधन से पहले, प्रधानमंत्री मोदी ने एक ट्वीट के माध्यम से स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएँ भी दीं और ‘विकसित भारत’ के लिए अपना दृष्टिकोण साझा किया। प्रधानमंत्री ने लिखा, “सभी को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ। यह दिन हमें अपने स्वतंत्रता सेनानियों के सपनों को साकार करने और एक विकसित भारत के निर्माण के लिए और भी अधिक परिश्रम करने के लिए प्रेरित करे। जय हिंद!”
पीएम मोदी ने कहा कि आजादी का महापर्व संकल्प का महापर्व है। यह सामूहिक सिद्धियों का महापर्व है। देश एकता की भावना को मजबूती दे रहा है।
ऑपरेशन सिंदूर के वीर जांबाजों को सैल्यूट करने का अवसर मिला है-पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि आज मुझे लाल किले की प्राचीर से ऑपरेशन सिंदूर के वीर जांबाजों को सैल्यूट करने का अवसर मिला है। हमारे सैनिकों ने दुश्मनों को उनकी कल्पना से परे सजा दी है। 22 अप्रैल को पहलगाम में सीमा पार से आतंकियों ने जिस प्रकार का कत्ले आम किया। धर्म पूछकर लोगों को मारा। पूरा हिंदुस्तान आक्रोश से भरा हुआ था। पूरा विश्व इस संहार से चौंक गया था। ऑपरेशन सिंदूर उसी आक्रोश की अभिव्यक्ति है। हमने सेना को खुली छूट दी। हमारी सेना ने वो करके दिखाया, जो कई दशकों तक भुलाया नहीं जा सकता। सैकड़ों किमी दुश्मन की धरती में घुसकर आतंकियों को नेस्तनाबूद किया। पाकिस्तान की नींद अभी उड़ी है। पाकिस्तान में हुई तबाही इतनी बड़ी है कि रोज नए खुलासे हो रहे हैं।
हमने न्यू नॉर्मल स्थापित किया-पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि अब हमने न्यू नॉर्मल स्थापित किया है। आतंक और आतंकियों को पालने पोसने वालों को अब हम अलग-अलग नहीं मानते। वे मानवता के समान दुश्मन हैं। अब भारत ने तय कर लिया है कि परमाणु धमकियों को हम नहीं सहेंगे। परमाणु ब्लैकमेल अब नहीं सहा जाएगा। आगे भी अगर दुश्मनों ने कोशिश जारी रखी तो हमारी सेना तय करेगी कि सेना की शर्तों पर सेना जो लक्ष्य तय करे उसे हम अमल में लाएंगे। भारत ने तय कर लिया है कि खून और पानी एक साथ नहीं बहेगा।
सिंधु समझौते को सेकर कही ये बात
पीएम मोदी ने कहा कि देशवासियों को पता चल गया है कि सिंधु समझौता कितना एकतरफ़ा है। भारत का पानी दुश्मनों की ज़मीन को सींच रहा है। मेरे देश की ज़मीन प्यासी है। इस समझौते ने पिछले कई दशकों से देश के किसानों का नुकसान किया है।
खून और पानी साथ-साथ नहीं बहेंगे-पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा किहम मुंहतोड़ जवाब देंगे। मेरे प्यारे देशवासियो, भारत ने ठान लिया है। खून और पानी साथ-साथ नहीं बहेंगे। अब देशवासी भली-भांति जान चुके हैं कि सिंधु समझौता कितना अन्यायपूर्ण और एकतरफा है। भारत से निकलने वाली नदियों का पानी दुश्मनों के खेतों को सींच रहा है और मेरे देश की धरती पानी के लिए प्यासी है। ये कैसा समझौता था, जिसने पिछले सात दशकों से मेरे देश के किसानों का अकल्पनीय नुकसान किया है। वो पानी जो हिंदुस्तान का हक है। उस पर हक सिर्फ और सिर्फ हिंदुस्तान का है। वो हिंदुस्तान के किसानों का है। भारत सिंधु समझौते को उस रूप में कभी बर्दाश्त नहीं करेगा जिस रूप में वो इसे बर्दाश्त करता आया है। हम किसानों और देश के हित में इस समझौते को स्वीकार नहीं करते।
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