Krishna Janmashtami 2025: कृष्ण जन्माष्टमी आने में बस कुछ ही दिन बाकी हैं। हर साल भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को भगवान विष्णु के आठवें अवतार यानी श्री कृष्ण के जन्मोत्सव के रूप में कृष्ण जन्माष्टमी जो मनाया जाता है। जानकारी के मुताबिक, भगवान कृष्ण का जन्म इसी दिन मध्यरात्रि में रोहिणी नक्षत्र के योग में मथुरा के कारागार में हुआ था। वहीँ आपकी जानकारी के लिए बता दें, 2025 में यह त्यौहार और भी ज्यादा दिलचस्प और खास है, क्योंकि इस साल श्री कृष्ण का 5252वां जन्मोत्सव मनाया जाएगा। जिसके चलते पूरे देश में मंदिरों को रंगबिरंगे फूलों से सजाया जा रहा है। वहीँ, कीर्तन, भजन, झांकियां और दही-हांडी जैसे आयोजन भी किए जा रहे हैं। भक्त अपने घरों और मंदिरों में लड्डू गोपाल को पंचामृत से स्नान कराएंगे, भव्य सजावट करेंगे और 56 भोग लगाएंगे। लाखों भक्त मथुरा, वृंदावन और इस्कॉन मंदिरों में पहुंचेंगे और इस पर्व को धूमधाम से मनाएंगे।
जानिए कब मनाई जाएगी जन्माष्टमी?
आपकी जानकारी के लिए बता दें, इस साल, जन्माष्टमी को लेकर भ्रम की स्थिति बनी हुई है, ऐसा इसलिए क्योंकि भाद्रपद की अष्टमी तिथि 15 और 16 अगस्त दोनों दिन पड़ रही है। पंचांग गणना की माने तो, अष्टमी तिथि 15 अगस्त की रात 11:49 बजे से शुरू होकर 16 अगस्त की रात 9:35 बजे समाप्त होगी। जिसके चलते पूजा के लिए मध्यरात्रि का समय अहम माना जा रहा है, इसलिए इस बार श्रीकृष्ण जन्माष्टमी 16 अगस्त 2025, शनिवार को मनाई जाएगी।
जानिए क्या रहेगा शुभ मुहूर्त
आपकी जानकारी के लिए बताते चलें कि, कृष्ण जन्माष्टमी की निशिता काल पूजा 16 अगस्त को सुबह 12:04 बजे से 12:47 बजे तक रहेगी, जो केवल 43 मिनट की अवधि है। मध्यरात्रि का विशेष क्षण 12:26 बजे आएगा। चंद्र दर्शन रात 10:46 बजे होंगे। भक्त इस समय कान्हा का जन्मोत्सव मनाते हैं और आरती, भजन, कथा करते हैं और प्रसाद वितरित करते हैं।