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Prisoners Tortured: गला घोंटना, बिजली के झटके, नाखून… इस देश में कैदियों के साथ किया जा रहा हैवानों जैसा बर्ताव, UN सामने लाया खौफनाक सच्चाई

Myanmar Prisoners Tortured: 2021 के सैन्य तख्तापलट के बाद से म्यांमार में अराजकता का माहौल है। सत्ता पर कब्ज़ा करने के बाद से हज़ारों लोगों को अँधेरी जेल की कोठरियों में ठूँस दिया गया है। ताकि वे विरोध करने की हिम्मत न कर सकें। अब, संयुक्त राष्ट्र (यूएन) की ताज़ा रिपोर्ट ने इस दमन की एक और भयावह परत खोल दी है।

By: Deepak Vikal | Published: August 12, 2025 7:35:08 PM IST



Myanmar Prisoners Tortured: 2021 के सैन्य तख्तापलट के बाद से म्यांमार में अराजकता का माहौल है। सत्ता पर कब्ज़ा करने के बाद से हज़ारों लोगों को अँधेरी जेल की कोठरियों में ठूँस दिया गया है। ताकि वे विरोध करने की हिम्मत न कर सकें। अब, संयुक्त राष्ट्र (यूएन) की ताज़ा रिपोर्ट ने इस दमन की एक और भयावह परत खोल दी है।

संयुक्त राष्ट्र के जाँचकर्ताओं ने साफ़ तौर पर कहा है कि उनके पास इस बात के पुख्ता सबूत हैं कि म्यांमार के सुरक्षा बल व्यवस्थित रूप से कैदियों को अमानवीय यातनाएँ दे रहे हैं। इतना ही नहीं, इस क्रूर व्यवस्था के पीछे बैठे कुछ शीर्ष अधिकारियों की भी पहचान की गई है।

गंभीर अंतरराष्ट्रीय अपराधों की जाँच के लिए 2018 में गठित म्यांमार के लिए स्वतंत्र जाँच तंत्र (IIMM) ने खुलासा किया है कि कैदियों को लोहे की छड़ों से पीटा जाता था, तेज़ बिजली के झटके दिए जाते थे, गला घोंटा जाता था और यहाँ तक कि उनके नाखून भी प्लायर से खींच लिए जाते थे। रिपोर्ट के अनुसार, कई बार यातनाओं के कारण मौतें भी हुईं। बच्चों को भी निशाना बनाया गया। कई बार उन्हें इसलिए गिरफ़्तार किया गया क्योंकि उनके माता-पिता फरार थे।

म्यांमार की सेना ने कोई जवाब नहीं दिया

रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, म्यांमार की सैन्य समर्थित सरकार ने इस पर कोई जवाब नहीं दिया। संयुक्त राष्ट्र की टीम ने कहा कि उन्होंने सरकार से 20 से ज़्यादा बार जानकारी और देश में प्रवेश की अनुमति मांगी, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। सेना का कहना है कि देश में शांति और सुरक्षा बनाए रखना उसकी ज़िम्मेदारी है। वह इन आरोपों का खंडन करती है और कहती है कि हिंसा आतंकवादियों के कारण हो रही है।

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रिपोर्ट कैसे तैयार की गई?

यह रिपोर्ट 30 जून तक एक साल की घटनाओं पर आधारित है, जिसमें 1,300 से ज़्यादा स्रोतों से जानकारी ली गई है। सैकड़ों प्रत्यक्षदर्शियों के बयान, फ़ोरेंसिक सबूत, दस्तावेज़ और तस्वीरें शामिल हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि कुछ बड़े सैन्य कमांडरों की पहचान की गई है, लेकिन वे सतर्क न हो जाएँ, इसलिए उनके नाम फिलहाल उजागर नहीं किए जा रहे हैं। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि म्यांमार की सेना और विपक्षी सशस्त्र समूहों, दोनों ने बिना किसी मुकदमे के हत्याएँ की हैं और इसके लिए ज़िम्मेदार लोगों की पहचान भी कर ली गई है।

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