UP Vidhansabha Mansoon Session: उत्तर प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन कुछ ऐसा हुआ जिसपर पूरे सदन में हसने की आवाज गूंजने लगी। दरअसल , समाजवादी पार्टी के कई विधायकों ने स्कूल मर्जर, शिक्षामित्रों के मानदेय और शिक्षकों की सैलरी को लेकर मुद्दा उठाया और इसपर कई सवाल खड़े किए। इस दौरान समाजवादी पार्टी के एक विधायक ने अपने फ्रेंड सर्किल की बात करते-करते ऐसा एक किस्सा सुनाया कि सदन में हंगामा मच गया। आइए जान लेते हैं उन्होंने ऐसा क्या बताया।
सुनाया मजेदार किस्सा
इस दौरान सपा विधायक ने एक पुराना किस्सा सुनाया और कहा, ‘मैं गांव में गया मान्यवर, मुझसे एक शिक्षामित्र मिला और आकर रोने लगा, बोला कि साहब मेरे साथ तो बड़ा अन्याय हो गया, मैंने कहा कि क्यों क्या हुआ तो उसने कहा कि मैं हर साल अपनी पत्नी को यकीन दिलाता था कि अब कि मानदेय बढ़ा देगी सरकार, लिहाजा उसकी पत्नी उसे छोड़कर चली गई। वहीँ इस दौरान सपा विधायक का जैसे ही सवाल खत्म हुआ वैसे ही विधानसभा स्पीकर सतीश महाना ने संदीप सिंह से कहा कि इनके सारे सवालों का जवाब दे दीजिए, केवल पत्नी वाला सवाल का जवाब मत देना। जिसके बाद सपा विधायक ने पत्नी विरोध सरकार कहा, वहीँ ये ही बात माइक में रिकॉर्ड हो गई जिसके बाद पूरे सदन में हर कोई हंसने लगा।
जारी रहेगी शिक्षा
बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने एक बार फिर साफ तौर पर कहा कि कोई भी स्कूल बंद नहीं होगा। सभी बेसिक स्कूल वैसे ही चलते रहेंगे। उन्होंने स्कूलों में बच्चों के नामांकन की आयु सीमा घटाने से साफ इनकार कर दिया है। उनका कहना है कि राष्ट्रीय मानक है कि कक्षा एक में बच्चे की आयु 6 वर्ष होनी चाहिए। कक्षा 8 तक बच्चे की आयु 14 वर्ष होनी चाहिए। इसी आधार पर शिक्षा के अधिकार के तहत कक्षा 8 तक बच्चों को अनिवार्य शिक्षा दी जा रही है। इसलिए नामांकन की आयु सीमा घटाना संभव नहीं है।