Home > देश > Kashi Vishwanath Temple New Rules: काशी विश्वनाथ धाम में लागू हुए नए नियम, पूजा की थाली से हटा लें ये चीजें, वरना झेलनी पड़ सकती है मुसीबत

Kashi Vishwanath Temple New Rules: काशी विश्वनाथ धाम में लागू हुए नए नियम, पूजा की थाली से हटा लें ये चीजें, वरना झेलनी पड़ सकती है मुसीबत

उत्तर प्रदेश की वाराणसी में आज से कुछ नियम लागू किए गए हैं। इनमें से एक नियम प्लास्टिक वस्तुओं पर प्रतिबंध लगाने का भी है। इन नियमों का उल्लंघन करने पर भारी भरकम जुर्माना भी भरना पड़ेगा।

By: Ashish Rai | Published: August 10, 2025 5:14:04 PM IST



Kashi Vishwanath Temple New Rules: उत्तर प्रदेश की शिवनगरी वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर में आज रविवार 10 अगस्त से कुछ नियमों में बदलाव किया गया है। मंदिर ट्रस्ट ने सभी तरह के प्लास्टिक के सामानों पर बैन लगाने लगा दिया है। यह फैसला काशी को प्लास्टिक फ्री बनाने के लिए किया गया है। इसके साथ ही मंदिर ट्रस्ट ने श्रद्धालुओं की पूजा की थाली में भी बदलाव करने की घोषणा की है। 

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किन-किन चीजों पर लगाई गई पाबंदी?

दरअसल, पूजा के सामानों में कई चीजें प्लास्टिक से बनी होती है। लेकिन आज से यह नहीं होना चाहिए। श्रद्धालुओं को अब से कई अहम बातों का खास ख्याल रखना जरूरी है। काशी विश्वनाथ मंदिर में जाने वाले श्रद्धालुओं को इन नियमों का पालन करना जरूरी है। नियम के मुताबिक, प्लास्टिक से बना रैपर, बैग, फल, फूल और प्रसाद रखने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली पॉलिथीन भी अब आप मंदिर के भीतर नहीं ले जा सकते हैं। यहां तक कि प्लास्टिक का लोटा भी  अब मंदिर में बैन कर दिया गया है। अब से श्रद्धालु केवल कागज से बनी चीज ही मंदिर के अंदर ले जा सकती है। 

नियमों के उल्लंघन पर मिलेगी सजा

दरअसल वाराणसी में प्लास्टिक मुक्त अभियान चलाया जा रहा है। इसके लिए दुकानदारों को भी जागरूक किया जा रहा है। ताकि जल्द से जल्द प्लास्टिक मुक्त वाराणसी बनाई जा सके। जानकारी के मुताबिक, कुछ दिनों पहले ही नगर निगम ने चैकिंग अभियान की शुरूआत की थी। जिसमें एक दुकान पर 700 ग्राम पॉलिथिन मिली थी। जिसके बाद उसे 50 हजार का जुर्माना भी देना पड़ा था। 

क्यों लिया ये फैसला?

मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्वभूषण मिश्र ने इस मामले का जानकारी देते हुआ कहा कि- काशी विश्वनाथ धाम सिर्फ आध्यात्मिक केंद्र नहीं है, बल्कि स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण का आदर्श भी बन सकता है। इसी कारण ये फैसला लिया गया है।

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