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रिपोर्ट: ट्रंप की टैरिफ पर ऐसा तगड़ा तमाचा कि हिल गया अमेरिका! भारत ने रक्षा खरीद योजना पर लगाई तत्काल रोक,नौसेना के लिए बोइंग P8I विमान…

Trump tariff: भारत ने अमेरिका की मनमानी टैरिफ के जवाब में रक्षा खरीद योजनाओं को तुरंत रोक दिया। ट्रंप प्रशासन के खिलाफ भारत का सख्त कदम, रक्षा सौदों में आई ठहराव और दोनों देशों के बीच बढ़ती कड़वाहट की पूरी खबर यहां पढ़ें।

By: Shivani Singh | Last Updated: August 8, 2025 5:54:27 PM IST



Trump tariff: हाल ही में भारत सरकार ने अमेरिका से नई हथियार और एयरक्राफ्ट की खरीदारी की योजना को अस्थायी तौर पर रोक दिया है। यह कदम भारत-यूएस संबंधों में आई खटास का पहला ठोस संकेत माना जा रहा है। तीन भारतीय अधिकारियों के अनुसार, यह फैसला अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत के निर्यात पर लगाए गए भारी टैरिफ के बाद लिया गया है, जिसने दोनों देशों के रिश्तों को दशकों में सबसे निचले स्तर पर पहुंचा दिया है।

रक्षामंत्री की अमेरिका यात्रा हुई रद्द

भारत रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अमेरिका यात्रा, जो कुछ सप्ताह पहले नई खरीदारी की घोषणा के लिए तय थी, अब रद्द कर दी गई है। दो अधिकारियों के अनुसार, यह यात्रा रद्द करने का मुख्य कारण अमेरिका द्वारा भारत के निर्यात पर अतिरिक्त 25 प्रतिशत टैरिफ लगाना है, जो कुल मिलाकर 50 प्रतिशत हो गया है। यह टैरिफ भारत के लिए अमेरिका के किसी भी व्यापारिक साझेदार की तुलना में सबसे अधिक है।

अमेरिकी टैरिफ और भारत का रुख

ट्रंप ने 6 अगस्त को यह टैरिफ भारत पर इसलिए लगाया क्योंकि भारत ने रूस से तेल खरीदा था, जिससे ट्रंप का मानना है कि भारत रूस की यूक्रेन पर आक्रमण को वित्तीय सहायता प्रदान कर रहा है। हालांकि, भारत ने कहा है कि वह इस मुद्दे पर अमेरिका के साथ सक्रिय बातचीत कर रहा है और इस मामले में अन्य पश्चिमी देश भी रूस के साथ व्यापार कर रहे हैं।

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रुकावट आई रक्षा खरीद परियोजनाओं में

रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, भारत की कई महत्वपूर्ण रक्षा खरीद परियोजनाओं पर फिलहाल रोक लग गई है। इनमें अमेरिकी कंपनी जनरल डायनामिक्स के स्ट्राइकर कॉम्बैट व्हीकल्स और रथियन तथा लॉकहीड मार्टिन द्वारा विकसित जैवलिन एंटी-टैंक मिसाइलें शामिल हैं। इन हथियारों की खरीद पर ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फरवरी में सहमति जताई थी।

नौसेना के लिए बोइंग P8I विमान की खरीद भी रुकी

रक्षा मंत्री की रद्द हुई यात्रा में भारतीय नौसेना के लिए छह बोइंग P8I रीकॉन्सांस विमान और समर्थन प्रणाली की खरीद की घोषणा भी की जानी थी। इस $3.6 बिलियन के सौदे की बातचीत अंतिम चरण में थी, लेकिन अब इसे टैरिफ की अस्पष्टता के कारण टाला गया है।

भारत-रूस रक्षा संबंधों का महत्व

भारत और रूस के बीच रक्षा संबंध वर्षों पुराना है और रूस भारत का सबसे बड़ा हथियार सप्लायर रहा है। हालांकि, हाल के वर्षों में भारत ने फ्रांस, इज़राइल और अमेरिका जैसे पश्चिमी देशों से भी हथियार खरीदना शुरू किया है। यह बदलाव रूस पर लगी प्रतिबंधों और उसके युद्ध में लगी स्थिति के कारण भी हुआ है।

हालांकि, भारत पूरी तरह से रूस पर निर्भरता खत्म करने के पक्ष में नहीं है क्योंकि कई सैन्य प्रणालियों के लिए रूस का तकनीकी सहयोग आवश्यक है। साथ ही, हाल ही में रूस ने भारत को अपने नए S-500 मिसाइल सिस्टम की खरीद के लिए भी प्रस्ताव दिया है।

भारत-यूएस रक्षा साझेदारी जारी

दोनों देशों की रक्षा साझेदारी, जिसमें इंटेलिजेंस शेयरिंग और संयुक्त सैन्य अभ्यास शामिल हैं, जारी है। हालांकि, अमेरिका के टैरिफ और बढ़ती भारत-विरोधी भावनाओं ने प्रधानमंत्री मोदी के लिए रूस से अमेरिका की ओर संक्रमण को राजनीतिक रूप से कठिन बना दिया है।

भारत और अमेरिका के बीच रणनीतिक साझेदारी के बीच अचानक आई यह खटास मुख्य रूप से व्यापारिक टैरिफ और रूस से तेल खरीद पर आधारित है। फिलहाल दोनों देश बातचीत के जरिए समाधान निकालने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन रक्षा खरीद परियोजनाओं पर लगी रोक से साफ है कि भारत अभी इस दिशा में जल्द कोई बड़ा कदम नहीं उठाएगा।

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