Home > धर्म > कच्चे धागे से बंधा ये नाता… भाई ही नहीं, बल्कि इन लोगों की कलाई पर भी बांधी जा सकती है राखी, जानें क्या कहती है हमारी संस्कृति और परंपरा?

कच्चे धागे से बंधा ये नाता… भाई ही नहीं, बल्कि इन लोगों की कलाई पर भी बांधी जा सकती है राखी, जानें क्या कहती है हमारी संस्कृति और परंपरा?

Raksha Bandhan 2025: वैसे तो हम सभी ने बचपन से ही यह देखा यही कि रक्षाबंधन के इस पावन त्योहार पर बहनें अपनी भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं। लेकिन, नहीं यह त्योहार सिर्फ भाई-बहनों तक सीमित नहीं है।

By: Preeti Rajput | Published: August 8, 2025 3:50:48 PM IST



Raksha Bandhan 2025: रक्षाबंधन का त्योहार हर वर्ष सावन की पूर्णिमा को मनाया जाता है और इस वर्ष 2025 में ये त्योहार 9 अगस्त को शनिवार के दिन पड़ रहा है। यह पर्व सुरक्षा, प्रेम तथा सम्मान का प्रतीक है। इस दिन बहनें अपने भाई को राखी बांधती है और उनकी लम्बी उम्र की कामना करती हैं और इसी के साथ, भाई भी बहनों को उनकी हमेशा रक्षा करने का वचन देते हैं।  

रक्षाबंधन केवल भाई- बहन का त्यौहार है? 

  • यह त्योहार स्नेह, विश्वास और भावनाओं से जुड़ा है और इसी वजह से, इस त्योहार पर, जिन्हें, हम अपने भाई की तरह मानते हैं उन्हें भी राख बांध सकते हैं। रक्षाबंधन का यह त्योहार केवल ब्लड रिलेशन तक सीमित नहीं है।
  •  भगवान को राखी बांधना- जिनके कोई भाई नहीं होते उन्हें सबसे पहली राखी भगवान को बांधनी चाहिए और अगर भाई है भी तो भी आपको सबसे पहली राखी भगवान को ही बांधनी चाहिए, जैसे भगवान गणेश, श्रीकृष्ण, या शिवजी। भगवान को राखी बांधकर अपनी सुरक्षा की कामना कर सकते हैं।
  • 2गुरु या शिक्षक- क्यूंकि गुरु और शिक्षक दोनों हमें शिक्षा देते हैं,हमारे आत्मविश्वास को बढ़ाते हैं इसलिए महिलाएं अपने गुरु या शिक्षक को राखी बांध सकती हैं। 
  •  सीमा पर तैनात सैनिक- क्यूंकि सीमा पर तैनात सैनिक चौबीस घंटे हमारी और देश की रक्षा करते हैं इसलिए रक्षाबंधन महिलाऐं इन्हे राखी बांध सकती हैं।
  • इसके अलावा, बहुत लोग रक्षाबंधन पर पेड़, पौधे या पंडितों को भी रक्षासूत्र बांधते हैं।

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किसे नहीं बांधनी चाहिए राखी? 

आज के आधुनिक युग में ऐसी परंपरा है कि पत्नियां अपने पति को राखी नहीं बांध सकती, क्यूंकि उनका रिश्ता भाई- बहन का नहीं होता लेकिन पौराणिक कथाओं में वर्णन मिलता है कि इंद्राणी ने अपने पति इंद्र को युद्ध के समय उनकी रक्षा के लिए एक रक्षासूत्र बांधा था।

इसी के साथ ही, प्रेमिकाओं को भी कभी अपने प्रेमियों को राखी नहीं बांधनी चाहिए, एक मान्यता यह भी है कि महिलाओं को अपने ससुराल पक्ष के पुरुषों को भी राखी नहीं बांधनी चाहिए. हालांकि, अलग-अलग जगह अलग अलग परंपरा और रीती-रिवाज देखने को मिलते हैं। 

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Disclaimer: इस आलेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है। पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। इन खबर इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।

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