Home > देश > Varanasi Flood: डूब गये 54 गांव, सड़कों पर चल रही हैं नावें… बाढ़ के प्रकोप से त्राहिमाम कर ही शिव की नगरी!

Varanasi Flood: डूब गये 54 गांव, सड़कों पर चल रही हैं नावें… बाढ़ के प्रकोप से त्राहिमाम कर ही शिव की नगरी!

Varanasi Flood: सावन माह में शिव की नगरी कशी बाढ़ का प्रकोप झले रही है। वाराणसी में गंगा का जलस्तर सोमवार दोपहर 2 बजे तक 72.06 मीटर था, जो खतरे के निशान से लगभग एक मीटर ऊपर है। अब प्रशासन गंगा के जलस्तर पर नज़र बनाए हुए है, जो अभी भी 0.5 सेंटीमीटर प्रति घंटे की दर से बढ़ रहा है।

By: Deepak Vikal | Published: August 4, 2025 9:49:12 PM IST



Varanasi Flood: सावन माह में शिव की नगरी कशी बाढ़ का प्रकोप झले रही है। वाराणसी में गंगा का जलस्तर सोमवार दोपहर 2 बजे तक 72.06 मीटर था, जो खतरे के निशान से लगभग एक मीटर ऊपर है। अब प्रशासन गंगा के जलस्तर पर नज़र बनाए हुए है, जो अभी भी 0.5 सेंटीमीटर प्रति घंटे की दर से बढ़ रहा है। गंगा के जलस्तर का असर वरुणा और गोमती नदियों पर भी पड़ रहा है। वाराणसी के ग्रामीण इलाके भी पूरी तरह बाढ़ की चपेट में हैं। 1999 और 2013 के रिकॉर्ड तोड़ते हुए गंगा अब 1978 के 73.9 मीटर के रिकॉर्ड की ओर बढ़ रही है।

टीवी 9 की रिपोर्ट के मुताबिक शहर के कई इलाके पानी की चपेट में हैं और सड़कों पर नावें चलने लगी हैं। अस्सी, सामने घाट, नगवां और गंगोत्री विहार कॉलोनी गंगा के बढ़ते जलस्तर से बुरी तरह प्रभावित हैं, जबकि वरुणा के बढ़ते जलस्तर के कारण नक्खी घाट क्षेत्र, सलारपुर, कोनिया क्षेत्र के सैकड़ों लोगों को बाढ़ राहत शिविरों में शरण लेनी पड़ी है।

53 गाँव हुए प्रभावित

सरकार की ओर से बाढ़ राहत की जानकारी देते हुए प्रभारी मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि गंगा और उसकी सहायक नदियों के बढ़ते जलस्तर के कारण 53 गाँव और 24 वार्ड प्रभावित हुए हैं। लगभग 2100 परिवारों के 12,000 लोगों को बाढ़ राहत शिविर केंद्रों में आश्रय दिया गया है। वाराणसी में कुल 46 बाढ़ राहत शिविर केंद्र बनाए गए हैं। सामुदायिक रसोई के माध्यम से नाश्ता, दोपहर और रात का भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है।

80 नावें और 19 मोटर बोट तैयार

जिला प्रशासन द्वारा कुल 80 नावें तैनात की गई हैं। इसके अलावा, एनडीआरएफ की 5 टीमें 19 मोटर बोट के साथ तैनात हैं। सुरेश खन्ना ने बताया कि बाढ़ के कारण लगभग 1900 हेक्टेयर फसल प्रभावित हुई है। प्रभावित किसानों को विशेष अनुदान दिया जाएगा। पुलिस विभाग 24 नावों के साथ 226 पुलिसकर्मियों के साथ लगातार गश्त कर रहा है।

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वहीं, बाढ़ के कारण महाश्मशान मणिकर्णिका घाट की छत पर एक संकरी जगह में ही दाह संस्कार किया जा रहा है। यहाँ शवों को ले जाने के लिए शवयात्रियों को गंगा के पानी में नाव से जाना पड़ रहा है। इसके अलावा, गंगा का पानी काशी विश्वनाथ मंदिर के द्वार तक पहुँच गया है। डूबने से कुछ ही सीढ़ियाँ बची हैं। इसके बाद गंगा का पानी विश्वनाथ धाम में प्रवेश करेगा।

11 क्यूआरटी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में गश्त कर रही हैं, ताकि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में चोरी की घटना न हो। ड्रोन के माध्यम से भी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों पर नज़र रखी जा रही है। लाउडस्पीकर और उद्घोषणा के माध्यम से लोगों को सचेत किया जा रहा है।

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