Bihar Chunav:बिहार विधानसभा चुनाव से पहले भिखारी ठाकुर के लिए भारत रत्न की मांग ने जोर पकड़ लिया है। इसे लेकर भारतीय जनता पार्टी के सांसद मनोज तिवारी ने गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा है। सांसद ने भिखारी ठाकुर को भारत रत्न देने की मांग की है। मनोज तिवारी से पहले सारण सांसद राजीव प्रताप रूडी भिखारी ठाकुर के लिए पद्म भूषण की मांग कर चुके हैं। आइये जानते हैं कौन हैं भिखारी ठाकुर?
भिखारी ठाकुर के बारे में जानें
बता दें, भिखारी ठाकुर का जन्म बिहार के सारण ज़िले के कुतुबपुर गाँव में 18 दिसंबर 1887 को हुआ था। वे भोजपुरी लोक कवि के साथ-साथ समाज सुधारक भी थे। भिखारी ठाकुर एक प्रसिद्ध गीतकार, गायक, नाटककार और समाजसेवी थे। अपनी विभिन्न कलाओं के माध्यम से भिखारी ठाकुर बिहार समेत पूरे देश में लोकप्रिय हुए। भोजपुरी को पूरे देश में एक अलग पहचान दिलाने वाले भिखारी ठाकुर ने 10 जुलाई 1971 को अंतिम सांस ली। भिखारी ठाकुर ने भोजपुरी साहित्य और संस्कृति में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्हें ‘भोजपुरी का शेक्सपियर’ भी कहा जाता है।
राजीव प्रताप रूडी भी कर चुके हैं मांग
सांसद मनोज तिवारी ने गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर भिखारी ठाकुर को भारत रत्न देने की माँग की है। उन्होंने कहा कि भोजपुरी के महान लोक कवि, नाटककार, गायक, समाज सुधारक और जन-जन के कलाकार भिखारी ठाकुर को यह सम्मान मिलना चाहिए। मनोज तिवारी का कहना है कि उन्होंने गृह मंत्री से भिखारी ठाकुर के लिए भारत रत्न की माँग की है। इससे पहले, सारण से भाजपा सांसद राजीव प्रताप रूडी ने भी भिखारी ठाकुर के लिए पद्म भूषण की मांग की थी। इस संबंध में उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा है। अभी तक प्रधानमंत्री और गृह मंत्री की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
सरकार भिखारी ठाकुर के योगदान की अनदेखी कर रही है
वहीं, सारण विकास मंच के संयोजक शैलेंद्र प्रताप सिंह का कहना है कि भिखारी ठाकुर ने भोजपुरी साहित्य और संस्कृति के लिए बहुत काम किया है। उन्होंने अपने जीवन के अंतिम दिनों में भोजपुर के लिए काम किया। भिखारी ठाकुर को भोजपुरी लोक नाट्य का संस्थापक कहा जाता है। उन्होंने कहा कि अब देश और राज्य में एक ही पार्टी की सरकार है। इसके बाद भी भिखारी ठाकुर को सम्मान नहीं दिया जा रहा है, बल्कि सरकार उनकी उपेक्षा कर रही है।