Cameron Green Chronic Kidney Disease: कैमरन ग्रीन जैसे खिलाड़ी क्रोनिक किडनी डिजीज (CKD) होने के बावजूद एलीट क्रिकेट खेल पा रहे हैं, क्योंकि CKD कोई एक जैसी स्थिति नहीं होती, बल्कि इसके अलग-अलग स्टेज होते हैं. यह बीमारी स्टेज 1 से स्टेज 5 तक बांटी जाती है और हर स्टेज का शरीर पर असर अलग होता है. शुरुआती स्टेज में किडनी का फंक्शन थोड़ा कम जरूर होता है, लेकिन सही मेडिकल देखभाल और मॉनिटरिंग के साथ व्यक्ति सामान्य और एक्टिव जीवन जी सकता है, यहां तक कि प्रोफेशनल खेल भी खेल सकता है.
CKD का स्टेज 1 –
CKD के स्टेज 1 से 3 को आमतौर पर माइल्ड से मॉडरेट माना जाता है. इन स्टेज में किडनी पूरी तरह फेल नहीं होती, बल्कि उसकी कार्यक्षमता कुछ हद तक कम हो जाती है. स्टेज 1 में किडनी फंक्शन लगभग सामान्य रहता है, सिर्फ डैमेज के शुरुआती संकेत होते हैं. ऐसे खिलाड़ी आम तौर पर बिना किसी बड़ी रुकावट के पूरा खेल खेल सकते हैं, बशर्ते रेगुलर मेडिकल चेक-अप और हाइड्रेशन का ध्यान रखा जाए.
CKD का स्टेज 2 –
स्टेज 2 में किडनी फंक्शन में हल्की गिरावट होती है. इस स्थिति में बहुत ज्यादा इंटेंस ट्रेनिंग या मैच के बाद थकान जल्दी महसूस हो सकती है और डिहाइड्रेशन किडनी पर ज्यादा असर डाल सकता है. फिर भी सही डाइट, पानी की मात्रा और समय-समय पर ब्लड टेस्ट के साथ एलीट-लेवल क्रिकेट खेलना संभव रहता है. खुद कैमरन ग्रीन ने बताया है कि वह CKD स्टेज 2 से पीड़ित हैं, यानी वह एडवांस्ड स्टेज में नहीं हैं.
CKD का स्टेज 3 –
स्टेज 3 को मॉडरेट CKD कहा जाता है. इस स्टेज में भी खेलना संभव है, लेकिन वर्कलोड को बहुत सोच-समझकर मैनेज करना पड़ता है. लंबे टूर्नामेंट, लगातार मैच और अत्यधिक गर्मी में खेलने से डिहाइड्रेशन और हीट स्ट्रेस का खतरा बढ़ जाता है. ऐसे खिलाड़ियों को ज्यादा ब्रेक, सीमित ट्रेनिंग सेशन और सख्त मेडिकल निगरानी की जरूरत होती है.
CKD का स्टेज 4 –
इसके उलट, स्टेज 4 और 5 को गंभीर माना जाता है. स्टेज 4 में किडनी फंक्शन काफी हद तक कम हो जाता है और प्रोफेशनल खेल खेलना बेहद मुश्किल हो जाता है. ज्यादा शारीरिक तनाव से बीमारी तेजी से बढ़ सकती है. स्टेज 5 यानी एंड-स्टेज रीनल डिजीज में किडनी फेल हो जाती है और डायलिसिस या ट्रांसप्लांट की जरूरत पड़ती है. इस स्टेज में प्रोफेशनल क्रिकेट खेलना लगभग नामुमकिन होता है, हालांकि कुछ मामलों में सफल ट्रांसप्लांट के बाद सीमित स्तर पर खेल में वापसी संभव हो सकती है.
CKD में क्या खेल सकते हैं क्रिकेट?
CKD वाले प्रोफेशनल एथलीट्स को खास मेडिकल सपोर्ट मिलता है, जैसे किडनी फंक्शन की नियमित जांच, कम सोडियम और बैलेंस्ड प्रोटीन वाली डाइट, पर्सनलाइज्ड हाइड्रेशन प्रोटोकॉल, इलेक्ट्रोलाइट मैनेजमेंट और एडजस्टेड ट्रेनिंग लोड. क्रिकेट जैसे खेल में, जहां रुक-रुक कर जोर लगता है और एक्टिविटी के बीच गैप होता है, वहां वर्कलोड को बीमारी के अनुसार ढालना आसान हो जाता है. इसी वजह से अगर किडनी का फंक्शन स्टेबल हो और बीमारी शुरुआती स्टेज में हो, तो मेडिकल नजरिए से क्रिकेट खेलना पूरी तरह संभव है.
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