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Saphala Ekadashi 2025: जीवन में हर मुश्किल घड़ी में सफलता दिलाता है सफला एकादशी का व्रत, देखें पूजन विधि और जानें व्रत का महत्व

Saphala Ekadashi 2025: जीवन के हर मुकाम पर सफलता देने वाली सफला एकादशी का व्रत दिसंबर में रखा जाएगा, जानें कब रखें यह व्रत, महत्व और व्रत की पूजन विधि.

By: Tavishi Kalra | Published: December 12, 2025 7:18:55 AM IST



Saphala Ekadashi 2025: हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व है. पौष माह के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशई को सफला एकादशी के नाम से जाना जाता है. इस दिन व्रत करने से जीवन के हर लउस कार्य में सफलता प्राप्त होती है, जिस कार्य को करके और बार-बार विफल हो रहे हों. यह एकादशी का व्रत बहुत विशेष होता है. जानते हैं साल 2025 में यह एकादशी का व्रत कब और किस दिन रखा जाएगा.

पंचांग के अनुसार सफल एकादशी का व्रत पौष माह में रखा जाता है. इस दिन लोग सृष्टि के पालहार भगवान श्री हरि नारायण और विष्णु भगवान के लिए व्रत करते हैं. 

सफला एकादशी 2025 तिथि

एकादशी तिथि की शुरुआत 14 दिसंबर, 2025 को शाम 6 बजकर 49 मिनट पर होगी.
एकादशी तिथि का अंत 15 दिसंबर 2025 को रात 9 बजकर 19 मिनट पर होगा.
इसीलिए सफला एकादशी का व्रत 15 दिसंबर 2025, सोमवार के दिन रखा जाएगा.
व्रत का पारण अगले दिन 16 दिसंबर को किया जाएगा.
व्रत पारण के लिए शुभ मुहूर्त 07:07 से 09:11 तक रहेगा.
ब्रह्म मुहूर्त- 15 दिसंबर, सुबह 05:17 से 06:12
अभिजीत मुहूर्त- 15 दिसंबर, सुबह 11:56 से दोपहर 12:37

सफला एकादशी व्रत महत्व (Importance)

सफला एकादशी का व्रत सफलता से पालन करने से सद्बुद्धि की प्राप्ति होती है. साथ ही जीवन के वो कार्य पूरे होते हैं जो लंबे समय से अधूरे हो. पौष कृष्ण की इस एकादशी पर जो लोग श्रद्धापूर्वक रखते हैं और नियमों का पालन करता है, उसके सभी पाप नष्ट होते हैं. सभी बाधाएं और समस्याएं दूर होती हैं और व्यक्ति जीवन के सभी क्षेत्रों में सफलता प्राप्त करता है.

सफला एकादशी पूजन विधि (Pujan Vidhi)

इस दिन सुबह उठकर व्रत का संकल्प लें.  सुबह स्नान के बाद मंदिर में भगवान विष्णु की मूर्ति स्थापित करें, एक चौकी पर पीले रंग का कपड़ा बिछाकर प्रतिमा स्थापित करें. भगवान को गंगाजल छिड़कें और फिर साफ वस्त्र पहनाएं. इसके बाद श्रीहरि का श्रृंगार करें. चंदन का तिलक लगाने के बाद भगवान को फल, फूल, मिठाई, भोग, नैवेद्य और तुलसी दल जैसी चीजें अर्पित करें. सफला एकादशी की व्रत कथा पढ़ें.

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Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है. पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें. Inkhabar इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है.

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