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India-Russia Relation: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन चार साल के अंतराल के बाद दो दिवसीय भारत दौरे पर आए. आज इस महत्वपूर्ण दौरे का दूसरा दिन है, और इस 23वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति पुतिन ने द्विपक्षीय संबंधों को नई ऊंचाई देने के लिए कई अहम समझौतों पर हस्ताक्षर किए. शिखर सम्मेलन के बाद आयोजित संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में दोनों नेताओं ने वैश्विक और द्विपक्षीय हितों के कई मुद्दों पर बात की. जिसमें से हम PM मोदी की 10 बड़ी बातों को यहां 10 बिंदुओं में आपको समझाने की कोशिश करेंगे.
- पुतिन की यात्रा स्पेशल और ऐतिहासिक: पीएम मोदी ने कहा कि राष्ट्रपति पुतिन की यह यात्रा ऐसे समय हो रही है जब भारत-रूस के द्विपक्षीय संबंध कई ऐतिहासिक माइलस्टोन से गुज़र रहे हैं.
- 25 साल की साझेदारी की नींव: उन्होंने कहा कि साल 2000 में पुतिन के राष्ट्रपति बनने के दौरान ही दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी शुरू हुई थी.
- ध्रुव तारे की तरह दोस्ती: मोदी ने भारत-रूस की दोस्ती को ध्रुव तारे की तरह बताया, जो पिछले 25 सालों में मानवता को कई संकट देखने के बावजूद बनी रही.
- संबंधों को मज़बूती: उन्होंने कहा कि पिछले ढाई दशकों से राष्ट्रपति पुतिन ने अपनी नेतृत्व क्षमता और दूरदर्शिता से इस रिश्ते को मजबूत किया है, और हर परिस्थिति में उनके नेतृत्व ने संबंधों को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है.
- स्पेशल प्रिविलेज्ड स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप: पीएम मोदी ने याद दिलाया कि 2010 में भारत-रूस की साझेदारी को यह विशेष दर्जा दिया गया था.
- ऊर्जा सुरक्षा साझेदारी (एनर्जी सिक्योरिटी) पर बल: उन्होंने कहा कि यह साझेदारी भारत-रूस संबंध का एक मजबूत और अहम स्तंभ रही है, और सिविल न्यूक्लियर एनर्जी में दशकों पुरानी साझेदारी स्वच्छ ऊर्जा के लक्ष्य को पूरा करने में सहायक है.
- क्रिटिकल मिनरल्स और सप्लाई चेन: उन्होंने कहा कि क्रिटिकल मिनरल्स में सहयोग सुरक्षित और विविध सप्लाई चेन बनाने के लिए बेहद जरूरी है, जो स्वच्छ ऊर्जा और हाई-टेक मैन्युफैक्चरिंग को समर्थन देगा.
- शिपबिल्डिंग (जहाज निर्माण) और ‘मेक इन इंडिया’: पीएम ने बताया कि जहाज निर्माण में गहरा सहयोग ‘मेक इन इंडिया’ को मजबूत करने की क्षमता रखता है और इससे नौकरी, स्किल्स और क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को बढ़ावा मिलेगा.
- आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता: मोदी ने कहा कि भारत और रूस लंबे समय से आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं, और दोनों देशों में हुए आतंकवादी हमलों की जड़ एक ही है.
- अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर सहयोग: उन्होंने ज़ोर दिया कि UN, G20, BRICS, SCO और दूसरे मंचों पर भारत और रूस का करीबी सहयोग जारी रहेगा.