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Geeta Jayanti 2025: गीता पढ़ने से पहले जान लें ये नियम, वरना नहीं मिलेगा शुभ फल

Geeta Path Ke Niyam: गीता पाठ के कुछ नियम हिंदू धर्म शास्त्रों में बताए गए हैं. गीता का पाठ करते समय आपको कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए वरना आपको इसका शुभ फल प्राप्त नहीं होता है.

By: Shivi Bajpai | Published: December 1, 2025 1:10:02 PM IST



Geeta Jayanti 2025: हर साल मार्गशीर्ष माह की शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन मोक्षदा एकादशी का व्रत रखा जाता है. ये व्रत इस बार 1 दिसंबर 2025 को रखा जा रहा है. ये दिन भगवान विष्णु को समर्पित है. मार्गशीर्ष माह की शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन ही भगवान श्री कृष्ण ने महाभारत के युद्ध के दौरान कुरुक्षेत्र में अर्जुन को गीता का ज्ञान दिया था. भगवत गीता, हिंदू धर्म का एक पवित्र ग्रंथ है. भगवत गीता भगवान श्रीकृष्ण के मुख से निकली है.

भगवत गीता में बताई गई बातें और सीख व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकती हैं. ऐसे में गीता का पाठ अवश्य करना चाहिए. गीता पाठ के कुछ नियम हिंदू शास्त्रों में बताए गए हैं. गीता का पाठ करते समय अगर इन नियमों का ध्यान रखा जाता है, तभी आपको इसका शुभ फल प्राप्त होता है. 

भगवत गीता का पाठ करते समय इन बातों का रखें ध्यान 

  • श्रीमद्भागवत गीता का पाठ करते समय स्वच्छता और पवित्रता का पूरा ध्यान रखें. सुबह उठकर सबसे पहले स्नान करने के बाद फिर साफ आसन बिछाकर बैठें.
  • गीता का पाठ स्वच्छ और शांतिपूर्ण जगह पर ही करना चाहिए.
  • गीता को कभी भी जमीन पर नहीं रखना चाहिए और न इसे हाथ में पकड़कर पढ़ना चाहिए. गीता को हमेशा लकड़ी के आसन या चौकी पर रखकर ही पढ़ना चाहिए.

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ऐसे मिलता है गीता पढ़ने का पूर्ण लाभ 

गीता पाठ का पूरा लाभ तब प्राप्त होता है, जब इसे पूरी श्रद्धा और एकाग्रता से पढ़ा जाए. गीता के उपदेशों को सिर्फ पढ़ना नहीं, बल्कि समझना और अपने जीवन में अपनाना भी बहुत अवश्य है.

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Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है. पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें. Inkhabar इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है.

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