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दुनिया के 6 फाइटर जेट जो तकनीक के मामले में हैं सबसे आगे, यहां जानें- कौन से रडार सिस्टम का करते हैं इस्तेमाल

Top 6 Advanced Radar System Fighter Jet: दुनिया के पास वर्तमान समय में मौजूद फाइटर जेट किन-किन रडार सिस्टम का इस्तेमाल करते हैं. आइए विस्तार से जानते हैं.

By: Sohail Rahman | Published: November 21, 2025 8:00:49 PM IST



Top Six Fighter Jet with Advanced Radar System: दुबई एयर शो में फ्लाइंग डेमोंस्ट्रेशन के दौरान शुक्रवार दोपहर (21 नवंबर, 2025) को एक तेजस फाइटर जेट क्रैश हो गया. जानकारी सामने आ रही है कि इस एयरक्राफ्ट को हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा निर्मित किया गया है. जो एक सिंगल-सीट लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) है. स्थानीय समय के अनुसार दोपहर करीब 2:10 बजे क्रैश हुआ. ऐसे में आज हम उन 6 फाइटर जेट की बात करेंगे जो एडवांस्ड रडार टेक्नोलॉजी में दुनिया में सबसे आगे है. F-35 के सेंसर फ्यूजन से लेकर Su-57 के मल्टी-एरे सिस्टम तक दुनिया के अलग-अलग देशों के पास मौजूद ये 6 फाइटर जेट तकनीक के मामले में टॉप पर हैं. जिनके बारे में बताया जाता है कि ये रडार पायलटों को युद्ध के मैदान की बेजोड़ जानकारी और टारगेट करने की क्षमता देते हैं. ऐसे में आइए जानते हैं कि किन फाइटर जेट में सबसे एडवांस्ड रडार सिस्टम हैं.

F-35 लाइटनिंग II – AN/APG-81 AESA रडार (F-35 Lightning II – AN/APG-81 AESA Radar)

F-35 लाइटनिंग II, AN/APG-81 एक्टिव इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन्ड ऐरे (AESA) रडार सिस्टम का इस्तेमाल करता है. इसके बारे में बताया जाता है कि इस फाइटर जेट का रडार एक साथ कई टारगेट को ट्रैक कर सकता है और तुरंत एयर-टू-एयर और एयर-टू-ग्राउंड मोड के बीच स्विच कर सकता है. लॉकहीड मार्टिन की रिपोर्ट के मुताबिक, AN/APG-81 150 किलोमीटर से ज्यादा दूरी पर टारगेट का पता लगा सकता है, लेकिन इस फाइटर जेट के रडार का पता लगाना मुश्किल है. यह रडार पायलट के लिए युद्ध के मैदान की पूरी तस्वीर बनाने के लिए दूसरे सेंसर के साथ काम करता है.

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F-15EX ईगल II – APG-82 AESA रडार सिस्टम (F-15EX Eagle II – APG-82 AESA radar system)

F-15EX के बारे में बताया जाता है कि ये फाइटर जेट APG-82 AESA रडार का इस्तेमाल करता है, जिसे बोइंग दुनिया के सबसे पावरफुल फाइटर रडार में से एक बताता है. सितंबर 2025 की RTX रिपोर्ट के मुताबिक, नया APG-82(V)X वर्शन और भी बेहतर परफॉर्मेंस के लिए गैलियम नाइट्राइड टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करता है. यह रडार एक साथ 30 से ज्यादा टारगेट को ट्रैक कर सकता है और एक साथ आठ टारगेट पर हमला कर सकता है. यह सिस्टम पुराने रडार डिजाइन के मुकाबले ज्यादा तेजी से टारगेट डिटेक्शन और ज्यादा रेंज देता है.

Su-57 फ़ेलॉन – N036 बायेल्का रडार कॉम्प्लेक्स (Su-57 Felon – N036 Byelka Radar Complex)

रूस के Su-57 के बारे में बताया जाता है कि ये फाइटर जेट N036 बायेल्का AESA रडार सिस्टम का इस्तेमाल करता है, जिसमें पूरे एयरक्राफ्ट में कई रडार एरे शामिल हैं. रूसी डिफेंस सोर्स के मुताबिक, मेन रडार 400 किलोमीटर तक की दूरी पर टारगेट का पता लगा सकता है. सिस्टम में साइड-लुकिंग रडार और एयरक्राफ्ट के चारों ओर पूरी कवरेज के लिए एक रियर-फेसिंग रडार शामिल है. इससे Su-57 पायलट को लड़ाई के दौरान सभी दिशाओं से आने वाले खतरों के बारे में पता चलता है.

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राफेल – RBE2 AESA रडार टेक्नोलॉजी (Rafale – RBE2 AESA Radar Technology)

फ्रेंच राफेल फाइटर के बारे में बताया जाता है कि ये फाइटर जेट थेल्स के बनाए RBE2 AESA रडार का इस्तेमाल करता है. यह सिस्टम एक साथ 40 टारगेट को ट्रैक कर सकता है और एक बार में आठ टारगेट तक को एंगेज कर सकता है. डसॉल्ट एविएशन के मुताबिक, RBE2 रडार की डिटेक्शन रेंज फाइटर-साइज़ के टारगेट के लिए 200 किलोमीटर से ज़्यादा है. रडार में इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर कैपेबिलिटी भी शामिल है, जिससे यह दुश्मन के कम्युनिकेशन और रडार सिस्टम को जाम कर सकता है.

KF-21 बोरामे – स्वदेशी AESA रडार (KF-21 Boramae – Indigenous AESA Radar)

दक्षिण कोरिया का KF-21 बोरामे, हानवा सिस्टम्स द्वारा बनाए गए स्वदेशी AESA रडार सिस्टम का इस्तेमाल करता है. अगस्त 2025 की रिपोर्ट के अनुसार, KF-21 फाइटर्स में इंटीग्रेशन के लिए पहली बड़े पैमाने पर बनाई गई रडार यूनिट्स डिलीवर की गईं. यह सिस्टम पुराने मैकेनिकली स्कैन किए गए रडार की तुलना में तेजी से टारगेट एक्विजिशन और ज्यादा डिटेक्शन रेंज देता है. हानवा सिस्टम्स KF-21 प्रोग्राम के लिए 2025 और 2028 के बीच 40 रडार यूनिट्स डिलीवर करेगा.

J-20 माइटी ड्रैगन – एडवांस्ड चीनी रडार (J-20 Mighty Dragon – Advanced Chinese Radar)

चीन का J-20 स्टील्थ फाइटर देश में ही डेवलप किया गया एडवांस्ड AESA रडार सिस्टम इस्तेमाल करता है. हालांकि, सटीक स्पेसिफिकेशन्स अभी भी सीक्रेट हैं, डिफेंस एनालिस्ट्स का सुझाव है कि रडार वेस्टर्न पांचवीं पीढ़ी के फाइटर्स के बराबर रेंज पर टारगेट का पता लगा सकता है. इस सिस्टम में इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर कैपेबिलिटीज़ शामिल हैं और यह एक साथ कई मोड में काम कर सकता है. चीनी सोर्स बताते हैं कि रडार J-20 को कॉम्बैट मिशन के दौरान बेहतर सिचुएशनल अवेयरनेस देता है.

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