Home > बिहार > लालू-तेजस्वी से रिश्ते खत्म करने वाली रोहिणी आचार्य कितनी संपत्ति की हैं मालकिन, जानें क्या करते हैं NRI पति?

लालू-तेजस्वी से रिश्ते खत्म करने वाली रोहिणी आचार्य कितनी संपत्ति की हैं मालकिन, जानें क्या करते हैं NRI पति?

Rohini Acharya Networth: बिहार चुनाव नतीजे सामने आने के बाद रोहिणी आचार्य ने अपने परिवार और राजनीति से दूरी बना ली है. जिसके बाद लोग उनकी निजी जिंदगी, संपत्ति और पति के बारे में चर्चा करने लगे हैं.

By: Preeti Rajput | Published: November 16, 2025 9:51:25 AM IST



Rohini Acharya Networth: बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Chunav Result) के नतीजे सामने आ चुके हैं. इस चुनाव में RJD बुरी तरह से हार गई है. नतीजे सामने आने के बाद रोहिणी आचार्य (Rohini Acharya) ने अपने परिवार और राजनीति से दूरी बना ली है. लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य अपने बेबाक अंदाज के लिए जानी जाती है. 

रोहिणी आचार्य की नेटवर्थ 

रोहिणी आचार्य करोड़ों की संपत्ति की मालिक हैं. उनके पास 495 ग्राम सोना और करीब 5.5 किलो चांदी है. इसके अलावा उनके पास 5 लाख से अधिक कीमत वाले रत्न भी मौजूद हैं. उनके नाम पर करीब  8.83 करोड़ रुपये दर्ज हैं. वहीं उनके पति की बात करें तो उनके पास 390 ग्राम सोना, 4 किलो चांदी और लगभग 8.08 करोड़ की जायदाद है. 
दोनों क नेटवर्थ कुल मिलाकर 15 करोड़ के आसपास है. 

क्या करते हैं NRI पति? 

रोहिणी आचार्य के पति समरेश सिंह बिहार के एक बड़े परिवार से आते हैं. वह पेशे से एक कॉर्पोरेट एक्जक्यूटिव हैं. वह सिंगापुर की मशहूर कंपनी एवरकोर पार्टनर्स में मैनेजिंग डायरेक्टर के पद पर काम करते हैं. उन्होंने दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से पढ़ाई की है. इसके बद उन्होंने स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक में भी कई पदों पर काम किया. समरेश के पिता जी राव रणविजय सिंह इनकम टैक्स विभाग में काम करते थे. अब वह रिटायर्ड अधिकारी हो चुके हैं. खास बात यह है कि समरेश की पिता और लालू प्रसाद एक ही कॉलेज से पढ़े हुए है. रोहिणी और समरेश के तीन बच्चे हैं. बच्चों के नाम पर 43 लाख, 31 लाख और 18 लाख रुपये दर्ज हैं. 

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क्या है खटास की वजह? 

रोहिणी आचार्य ने हाल ही में सोशल मीडिया पर अपने कुछ परिवार के सदस्यों को अनफॉलो कर दिया. जिसके बाद यह साफ हो गया कि परिवार के भीतर कुछ मतभेद चल रहा है. रोहिणी ने चुनाव नतीजों के बाद राजनीति और परिवार से दूरी बनाने के साफ संकेत दिए हैं. लोगों का मानना है कि आने वाले दिनों में रोहिणी का यह फैसला बिहार की राजनीति में बड़ा मोड़ ले सकता है. 

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